लद्दाख में चीन से सटी एलएसी पर भारत ने तैनात की के-9 वज्र तोपें
भारत ने एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच पूर्वी लद्दाख में अपनी के-9 वज्र तोपों को तैनात कर दिया है. सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने इन तस्वीरों को साझा किया.
एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख में अपनी के-9 वज्र तोपों को तैनात कर दिया है. शुक्रवार को खुद सेना की उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) स्थित उत्तरी कमान ने सह-सेना प्रमुख के साथ इन तस्वीरों को साझा किया.
सह-सेना प्रमुख (वाइस चीफ), लेफ्टिनेंट जनरल सी पी मोहंती इनदिनों तीन दिनों के लद्दाख के दौरे पर हैं. इस दौरान वे लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी (14वीं) कोर के मुख्यालय का भी दौरा कर रहे हैं और चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात सैनिकों की ऑपरेशन्ल तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. इसी दौरान एलएसी की एक फॉरवर्ड लोकेशन पर सह-सेना प्रमुख को के-9 तोपों की तैनाती के बारे में भी जानकारी दी गई. ये पहली बार है कि के-9 तोपों को एलएसी पर तैनात किया गया है.
जनरल एमएम नरवणें को 100वीं तोप सौंपी थी
आपको बता दें कि वर्ष 2017 में भारतीय ने दक्षिण कोरिया से 100 के-9 तोपों का सौदा किया था. इस तोपों में से कुछ सीधे दक्षिण कोरिया से ली गई थीं और बाकी गुजरात के हजीरा में एलएंडटी कंपनी ने कोरिया की मदद से बनाकर सेना को सौंपी थीं. इसी साल फरवरी के महीने में एलएंडटी ने थलसेना प्रमुख, जनरल एमएम नरवणें को 100वीं तोप सौंपी थी.
खास बात ये है कि ये सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टेलेरी गन हैं यानि इन तोपों को किसी ट्रक या किसी दूसरी तरह से खींचने की जरूरत नहीं होती है, बल्कि इनमें टैंक की तरह व्हील लगे होतें हैं और खुद रेगिस्तान और पहाड़ों तक में दौड़ सकती हैं.
जनरल नरवणे ने बीते महीने लेह-लद्दाख का किया था दो दिन का दौरा
सह-सेना प्रमुख का लेह-लद्दाख का दौरा ऐसे समय में आया है जब शुक्रवार को ही जनरल नरवणे का बयान आया था कि एलएसी पर एक-तरफा कारवाई मंजूर नहीं है और चीन की किसी भी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
खुद जनरल नरवणे ने पिछले महीने लेह-लद्दाख का दो दिन का दौरा किया था. यहां तक की शुक्रवार को जब वाइस-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती लद्दाख का दौरा कर रहे थे तब वायुसेना प्रमुख, आरकेएस भदौरिया भी लेह में मौजूद थे.
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