नई दिल्ली: असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा बरपा है. सत्तापक्ष जिन 40 लाख लोगों का नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें नागरिकता साबित करने के लिए मौका देने की बात कही है. वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार का इरादा ठीक नहीं है, अपने ही घर में इतने लोगों को बेघर किया जा रहा है. इस बीच बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि घुसपैठिए अवैध नहीं होते हैं.
तस्लीमा ने ट्विटर पर लिखा, ''किसी भी शख्स को अवैध प्रवासी नहीं कहना चाहिए. बांग्लादेशी लोग जो भारत में अवैध तरीके से प्रवेश कर गए हैं, उनका आना भारत के कानून के हिसाब से अवैध हैं, लेकिन वे अवैध नहीं है. पूर्व में मनुष्य बेहतर जीवन की तलाश में अफ्रीका से एशिया की तरफ आए. तब से लेकर मानव जाति भ्रमण कर रही है. हमारे पूर्वज अवैध नहीं थे.''
उन्होंने राजनेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ''भारत में काफी मुस्लिम हैं. भारत को पड़ोसी देशों से और मुस्लिमों की जरूरत नहीं है. लेकिन समस्या यह है कि भारतीय राजनेताओं को इनकी जरूरत है.''
भारत में निर्वासित तस्लीमा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, ''यह देखकर अच्छा लगा कि ममता जी 40 लाख बांग्ला बोलने वालों के लिए इतनी ज्यादा सहानुभूति रखती हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वह असम बाहर किए जाने वाले लोगों को वह शरण देंगी. उनकी यह सहानुभूति तब कहां थी जब उनकी विरोधी पार्टी ने मुझे पश्चिम बंगाल से बाहर कर दिया था?''
तस्लीमा यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने कहा, ''ममता जी के अंदर सभी बेघर बांग्ला बोलने वालों के लिए के सहानुभूति नहीं है. यदि उनके अंदर होता तो उनके अंदर मेरे लिए भी होती और उन्होंने मुझे भी पश्चिम बंगाल में आने की अनुमति दी होती. ''
आपको बता दें तस्लीमा किताबों को लेकर विवादों में रही हैं. मुस्लिम संगठनों ने बांग्लादेश में तस्लीमा का विरोध किया था. जिसके बाद वो भारत आ गई और पश्चिम बंगाल में शरण ली. लेकिन साल 2007 में उनके लेखन को लेकर कोलकाता में हिंसक प्रदर्शन हुआ. तब की लेफ्ट सरकार ने उन्हें राज्य से बाहर जाने के लिए कहा. अब तस्लीमा ने इसी बहाने ममता बनर्जी पर निशाना साधा है.
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ममता बनर्जी असम एनआरसी के मुद्दे पर मुखर हैं. उन्होंने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि चुनाव जीतने के लिए लोगों को कष्ट पहुंचाया जा रहा है और इससे रक्तपात और गृहयुद्ध शुरू होगा. ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. ममता ने कहा, "स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे देश में रक्तपात, गृहयुद्ध होगा."
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