कोरोना से लड़ाई में स्वास्थ्य सैनिकों के लिए PPE जुटाने में लगा भारत, विदेशों से 10 लाख सूट खरीदने की कवायद
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक 24x7 हेल्पलाइन शुरू की है.विदेश मंत्रालय के सहारे दुनिया के विभिन्न देशों से करीब 10 लाख पीपीई खरीद की कोशिश की जा रही है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से संक्रमित एक हजार मरीजों के साथ बढ़ रहे ग्राफ के साथ अब देश में मेडिकल मोर्चे पर सघन लड़ाई की तैयारी शुरु हो गई है. बढ़ते आंकड़ों के साथ सारा ध्यान अब कोरोना संक्रमण के साथ उभर रहे हाई डिजीज क्लस्टर पर रोकथाम के उपायों पर है.
साथ ही इस जंग के सिपाहियों यानी डॉक्टरों के लिए जरूरी साजो-सामान की भी युद्धस्तर पर खरीद हो रही है. इस कड़ी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशों से 10 लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट खरीद भी कवायद आगे बढ़ाई है.
बदलते हालात के साथ रणनीतिक पेशबंदी में स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर सामुदायिक निगरानी, सघन कांटेक्ट ट्रेसिंग और रोकथाम उपायों करने में लगा है. स्वास्थ्य मंत्रालय प्रवक्ता लव अग्रवाल के मुताबिक सारा ध्यान इस वाक्त स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में लगा है.
इसके लिए निर्धारित कोविड अस्पताल, कोविड ब्लॉक, आईसीयू बेड, आइसोलेशन के लिए जरूरी लॉजिस्टिकआदि का इंतजाम किया जा रहा है. इसके अलावा डॉक्टरों के साथ-साथ देश व्यापक स्तर पर नर्सेज को भी कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षत करने पर काम चल रहा है.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक 24x7 हेल्पलाइन शुरू की है जिसके सहारे देश भर के डॉक्टर विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों की चिंता का एक बड़ा सबब बने पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट यानी कवरऑल, मास्क, गॉगल आदि उपकरणों की आपूर्ति के लिए भी युद्धस्तर पर प्रयास चल रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय के सहारे दुनिया के विभिन्न देशों से करीब 10 लाख पीपीई खरीद की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा देश के भीतर भी टेक्सटाइल कंपनियों के साथ मिलकर भी बड़े पैमाने पर पीपीई के उत्पादन और खरीद में लगा है. इस कड़ी में आयुध फैक्ट्रियों और रक्षा अनुसंधान संगठन की भी मदद ली जा रही है.
महत्वपूर्ण है कि दुनियाभर में फैले कोविड संकट के कारण पीपीई की खासी किल्लत हो रही है. वहीं इसमें काम आने वाली आयातित सामग्री की कमी के कारण भी आपूर्ति काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी सुधार करते हुए पीपीई मानकों में कुछ बदलाव किए हैं. साथ ही व्यापक पैमाने पर पीपीई भी मुहैया कराए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि देश में कई जगहों में डॉक्टरों के बीच से पीपीई की कमी को लेकर चिंता के सुर उठे थे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सामान्य जांच वाले ओपीडी में पीपीई की जरूरत न होने को लेकर जहां अपने दिशा निर्देशों में डॉक्टरों को समझाइश दी हैं. वहीं तमाम साधनों के जरिए वैंटिलेटर और पीपीई जैसी मेडिकल जरूरत की चीजें जुटाई जा रही हैं.
ध्यान रहे कि कोविड19 मरीजों के उपचार में अपने बचाव के लिए चिकित्सकों को पीपीई की जरूरत होती है. वहीं एक बार इस्तेमाल के बाद पीपीई को बायो हैजर्ड वेस्ट के तौर पर नष्ट करना होता है.
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