नई दिल्ली: 8 फरवरी तक भारत 338 करोड़ रुपये कीमत की कोविड-19 वैक्सीन निर्यात कर चुका है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ये बात पूरक सवालों का राज्यसभा में जवाब देते हुए कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि वैक्सीन का निर्यात जनवरी में शुरू हुआ था.


कोविड वैक्सीन के निर्यात की कीमत 338 करोड़ रुपए


वैक्सीन डोज के निर्यात में मित्र देशों को अनुदान और वाणिज्यिक खेप शामिल है. उन्होंने बताया, "भारत घरेलू वैक्सीन की जरूरत को पहले समझ रहा है और उसके आधार पर मित्र देशों को वैक्सीन दे रहा है." उन्होंने जानकारी दी कि कोविड-19 वैक्सीन का कुल निर्यात करीब 338 रुपए कीमत का है. विस्तार से उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई कोविडशील्ड वैक्सीन का निर्यात बतौर अनुदान 62. 7 लाख डोज रहा और उसका मूल्य करीब 125. 4 करोड़ रुपए आंका गया. इसके अलावा कीमत के बदले 1. 05 करोड़ डोज के निर्यात का मूल्य करीब 213. 32 करोड़ रहा.


मित्र देशों को भारत ने बतौर अनुदान डोज मुहैया कराई


गोयल ने कहा कि भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को कोविड-19 वैक्सीन बनाने की इजाजत दी है. इस सिलसिले में वैक्सीन निर्माताओं और भारत सरकार के संबंधित पक्ष के बीच नियमित बातचीत से गहरे तालमेल को बरकरार रखा जा रहा है. इसका मकसद राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए प्रयाप्त कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाना है. उन्होंने ये भी जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है और प्रधानमंत्री भी सभी राज्यों से बातचीत कर रहे हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि टीकाकरण मुहिम में प्राथमिकता हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स की दी गई है.


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