10 साल में 27 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से हुए मुक्त, झारखंड का प्रदर्शन सबसे बढ़िया- UN रिपोर्ट
भारत में लोग तेजी से गरीबी से बाहर आ रहे हैं. यूएन रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. गरीबी से बाहर निकालने में देश में झारखंड ने काफी तरक्की की है. ये रिपोर्ट 2005-06 से 2015-16 के बीच का है.
नई दिल्ली: देश में गरीबों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. पिछले 10 सालों में देश में 27.10 करोड़ लोग गरीबी के चंगुल से मुक्त हुए हैं. इस बात का खुलासा यूएन की मल्टीडाइमेंशनल पोवर्टी इंडेक्स (एमपीआई) रिपोर्ट से हुआ है. इस रिपोर्ट को तैयार करने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि किन लोगों के पास कितनी संपत्ति और कुकिंग गैस, स्वच्छता और पोषण जैसी सुविधाओं की पहुंच है.
रिपोर्ट तैयार करने में 101 देशों से आंकड़े जुटाए गए हैं. विश्व के गरीब क्षेत्रों में झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां सबसे तेज गति से लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. झारखंड में गरीबों की संख्या पिछले 10 साल में 74.9 फीसदी से घटकर 46.5 फीसदी पर आ गई है. देश के चार गरीब राज्यों- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सबसे बेहतर तरक्की झारखंड में ही देखी गई है. भारत विश्व के तीन ऐसे देशों में है जहां शहरी क्षेत्रों से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम की गई है.इस डेटा को तैयार करते वक्त जिन इंडिकेटर को शामिल किया गया है उसमें हेल्थ, एजुकेशन, स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को शामिल किया गया है. यूएनडीपी के एक अधिकारी ने कहा कि भारत में अभी भी मुस्लिम, एससी, एसटी सबसे अधिक गरीब हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 101 देशों में 23.1 फीसदी लोग गरीब हैं. गरीबों की इन संख्या में आधे लोग बच्चे हैं और इन बच्चों में एक तिहाई की उम्र 10 साल से कम है. रिपोर्ट के मुताबिक 85 फीसदी गरीब बच्चे दक्षिण एशिया में रहते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, ''जिन देशों को इस डेटा बनाने में शामिल किया गया है उसमें इंडिया में तेजी से गरीबों की संख्या घटी है. यहां निर्धन क्षेत्रों में गरीबी और तेजी से घटी है.''
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