(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Goa Beer Museum: गोवा में खुलेगा भारत का पहला बीयर म्यूजियम, जानें क्या-क्या होगा?
Goa Beer Museum News: गोवा म्यूजियम की स्थापना करने वाले आर्टिस्ट सुबोध केरकर ने कहा, "गोवा में अलग-अलग चीजें होती रहती है, जो एक पॉजिटिव संकेत है. इस जगह को हमेशा मौज-मस्ती से जोड़ा गया है."
Beer Museum in Goa: गोवा में भारत का पहला बीयर म्यूजियम खुलने वाला है. छह हजार वर्ग मीटर में फैला यह म्यूजियम 6 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. गोवा म्यूजियम (एमओजी) की स्थापना प्रसिद्ध आर्टिस्ट सुबोध केरकर ने की है. इस यूनिक प्रतिष्ठान का उद्देश्य कला, संस्कृति और निरंतर उत्सवों के साथ जुड़े हुए बीयर के इतिहास पर एक समकालीन दृष्टिकोण पेश करना है.
आर्टिस्ट सुबोध केरकर ने कहा, ''मैंने म्यूजियम के लिए एक नई पद्धति बनाई है. मैं इस प्रोजेक्ट पर बीते 10 से 15 साल से काम कर रहा हूं. आम तौर पर, किसी भी म्यूजियम में लेबल, मूर्तियां और हथियारों के साथ पुरानी कलाकृतियां होती हैं, जिनका उपयोग इतिहास बताने के लिए किया जाता है. लेकिन मेरे म्यूजियम में कुछ भी पुराना नहीं है. यह गोवा के इतिहास और संस्कृति की प्रतिक्रिया में समकालीन कला है और यहां तक कि बीयर म्यूजियम भी इसकी प्रतिक्रिया है. इसका बहुत दिलचस्प इतिहास है.''
'गोवा में बहुत सारी चीजें होती रहती है'
सुबोध केरकर ने कहा कि स्वतंत्र उत्सवों को आर्थिक रूप से बनाए रखना कठिन है, क्योंकि यह हमेशा एक चुनौती रही है. उन्होंने कहा, "गोवा में बहुत सारी चीजें होती रहती हैं, जो एक पॉजिटिव संकेत है. आर्टिस्ट को शामिल करने के लिए उनसे संपर्क किया जाता है. मुझे हाल ही में किसी का फोन आया था. वह चाहता था कि मैं ज्योतिष से संबंधित एक प्रदर्शनी में हिस्सा लूं."
गोवा म्यूजियम के संस्थापक ने क्या कहा?
गोवा म्यूजियम में उन्होंने नए विकास के बारे में बात करते हुए कहा, ''यह लगातार बदल रहा है. इसकी कल्पना एक स्टोरहाउस के रूप में नहीं, बल्कि अनुभवों की प्रयोगशाला के रूप में की गई है.'' उन्होंने आगे कहा, ''हम हमेशा काम जोड़ते और घटाते रहते हैं. यह एक गैलरी और म्यूजियम का मिश्रण है. हम कलाकृतियां भी खरीदते हैं और उसके लिए हर महीने एक बजट भी रखा है. हालांकि, इसकी स्थापना मैंने की थी, लेकिन अब इसे मेरी बेटी चलाती है.''
इसके अलावा उन्होंने कहा, ''गोवा मूल रूप से हर भारतीय के भीतर है. मैं हाल ही में कलकत्ता गया था. इस दौरान मैंने हुगली नदी पर किसी यह कहते हुए सुना था कि यह गोवा क्रूज जैसा है. इस जगह को हमेशा मौज-मस्ती और उल्लास से जोड़ा गया है.''