India's First Bullet Train: भारत में पहली बुलेट ट्रेन का ट्रायल 2026 में किया जाएगा, और यह 2029 तक अपने नियमित रूट पर दौड़ेगी. रेल मंत्रालय की ओर से ऐसा दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ग्राउंड पर बुलेट ट्रेन का काम अब तेजी से आगे बढ़ता हुआ दिखाई देने लगा है.
देश की पहली बुलेट ट्रेन को अहमदाबाद के साबरमती से मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक कुल 508 किलोमीटर के रूट पर चलना है. इस रूट में कुल 12 स्टेशन होंगे. इनमें से 8 स्टेशन गुजरात में होंगे और 4 स्टेशन महाराष्ट्र में. 11 स्टेशन एलिवेटेड होंगे और सिर्फ़ 1 स्टेशन अंडरग्राउंड होगा. बुलेट ट्रेन का 93% रूट एलिवेटेड होगा यानी वायाडक्ट पर होगा. बुलेट ट्रेन की डिजाइन स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटे की है. जबकि बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. बुलेट ट्रेन स्टॉपेज के मामले में दो तरह से चलेगी- लिमिटेड स्टॉपेज ट्रेन और आल स्टॉपेज ट्रेन. यानी बुलेट ट्रेन के कुछ रेक साबरमती से चलकर सिर्फ एक या दो स्टेशनों पर रुकते हुए सीधे बीकेसी में रुकेंगे. ऐसे में लिमिटेड स्टॉपिंग ट्रेन 2 घंटा 5 मिनट में पहुंचेगी जबकि आल स्टॉपिंग 2 घंटा 58 मिनट में पहुंचेगी.
टनल पहाड़ी रास्ते से होकर गुजरेगी ट्रेन
जब ट्रेन मुंबई में प्रवेश कर रही होगी उससे पहले एक 21 किलोमीटर की टनल से गुजरेगी. इस टनल का 7 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के नीचे से हो कर गुजरेगा. ये सात किलोमीटर की टनल समुद्र की ऊपरी सतह से 30 मीटर नीचे होगा. इसके अलावा बुलेट ट्रेन पहाड़ी रास्तों में कई छोटी टनलों से होकर गुजरेगी जिनकी कुल लंबाई 6 किलोमीटर होगी. इन सभी टनलों का काम चल रहा है.
बुलेट ट्रेन के 508 किलोमीटर के रूट में करीब 60 किलोमीटर का हिस्सा ऐसा है जो बनकर तैयार हो गया है इस पर अब सिर्फ पटरियों को बिछाया जाना है जो कि अगले साल अप्रैल तक लगा दी जाएंगी. इसके अलावा करीब 150 किलोमीटर के रूट में वाया डक्ट बनाने का काम चल रहा है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
- 300 किलोमीटर से ज्यादा पीयर्स बन चुके हैं.
- वायाडक्ट के गर्डर्स भी 200 किलोमीटर में लग चुके हैं.
- ट्रैक का काम चल रहा है.
- ओवर हेड इलेक्ट्रिसिटी का काम चल रहा है.
- साथ ही टनल का काम भी चल रहा है. उन्होंने थाणे में समुद्र के नीचे टनल बन रही है.
- 13 नदियों के ऊपर ब्रिज का काम चल रहा है.
- किम में बुलेट ट्रेन ट्रैक स्लैप का विश्वस्तरीय प्लांट लगा है. ये दुनिया के सबसे बड़े प्लांट में से एक है.
- इंस्पेक्शन और मेंटेनेंस की मशीन भी भारत में बन रही है.
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा हमने इस दिशा में भी काम करना शुरू कर दिया है कि हम अपनी भारत में बनी बुलेट ट्रेन भी तैयार कर सकें. सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत के अब तक के तीन वर्जन से जो अनुभव मिला है और आगे जो मिलेगा उसी अनुभव के आधार पर हम इस प्लेटफॉर्म को डेवलप करके हाई स्पीड ट्रेन भी बनाएंगे. मौजूदा अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन के लिए तो हम जापान से बुलेट ट्रेन लेकर आएंगे, लेकिन आगे के बुलेट ट्रेन प्रोजैक्ट्स के लिए हम भारत निर्मित बुलेट ट्रेन का ही उपयोग करेंगे.
बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन तैयार
बुलेट ट्रेन का ये पहला स्टेशन आणन्द में बन कर तैयार है . इसमें ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर बनाए गए हैं. ग्राउंड फ्लोर में फ्री लाउंज होगा. सेकेंड फ्लोर में आधा पेड और आधा अनपेड हिस्सा होगा और सबसे ऊपर प्लेटफॉर्म होंगे.
आणन्द स्टेशन बड़ौदा और अहमदाबाद के बीचोंबीच में स्थित है. ये गुजरात के दो जिलों आणन्द और नाडिया को सर्व करेगा. इसकी थीम मिल्क थीम पर है. ट्रैक के किनारे दो मीटर का नॉइज बैरियर लगा है जो कि रिहायशी इलाको में तीन मीटर ऊंचा होगा. ट्रेन का ट्रैक तेजी से बिछ सके इसके लिए सूरत के किम में एक बहुत बड़ी फैक्ट्री लगाई गई है जहां पटरियों के बीच लगने वाला गिट्टी रहित ट्रैक स्लैब बनता है. यहां प्रति दिन 120 स्लैब बनाने की क्षमता है. अब तक करीब दस हजार स्लैब बन कर तैयार हो गई है.
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