(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ऑर्बिट बदलते ही पृथ्वी से 40 हजार किलोमीटर दूर पहुंचा आदित्य-L1, समझें- क्या है इसका मतलब
India First Solar Mission: सूर्ययान आदित्य L1 ने 3 सितंबर को पृथ्वी के चारों ओर अपना पहला चक्कर पूरा कर लिया था और 245 किमी x 22,459 किमी का ऑर्बिट हासिल किया.
Aditya L-1 Mission: भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य L1 ने अपना दूसरा ऑर्बिट एडजस्टमेंट पूरा कर लिया है. आसान शब्दों में कहें तो भारत के सूर्ययान आदित्य-एल1 ने सूरज की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है. इस ऑर्बिट की पृथ्वी से कम से कम दूरी 282 किमी, जबकि अधिकतम दूरी 40,225 किमी है.
इससे पहले आदित्य L1 ने 3 सितंबर को पृथ्वी के चारों ओर पहला चक्कर लगाकर सूरज की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाया था. तब मिशन ने 245 किमी x 22,459 किमी का ऑर्बिट हासिल किया.
10 सितंबर को पृथ्वी के तीसरे ऑर्बिट में होगी एंट्री
इसरो ने ट्वीट करते हुए बताया कि आदित्य-एल1 मिशन ने दूसरा अर्थ बाउंड मैन्यूवर पूरा कर लिया है. आदित्य-एल1 ने 5 सितंबर (मंगलवार) सुबह तड़के 2.45 बजे पृथ्वी के नए ऑर्बिट में प्रवेश कर लिया. नया ऑर्बिट 282 किमी X 40,225 किमी का है. इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 पृथ्वी की अगली कक्षा में 10 सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार सुबह 2.30 बजे भेजे जाने की योजना है.
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 4, 2023
The second Earth-bound maneuvre (EBN#2) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.
ISTRAC/ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 282 km x 40225 km.
The next… pic.twitter.com/GFdqlbNmWg
2 सितंबर को मिशन ने भरी उड़ान
आदित्य एल1 सोलर मिशन ने 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी. आदित्य एल1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी के बीच एल1 प्वाइंट पर स्थापित किया जाना है. इसरो के PSLV-सी57 रॉकेट की मदद से इसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था, इसका शुरुआती ऑर्बिट 235 किमी x 19000 किमी था. ये PSLV के अबतक के सबसे लंबे मिशनों में से एक रहा है. आदित्य एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट-1 तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे. इसके बाद सूरज पर कुछ परीक्षण किए जाएंगे.
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