Twitter Blue Tick: भारत की 'फर्स्ट' ट्विटर यूजर ने ब्लू टिक के लिए भुगतान को लेकर दिया ये जवाब, 16 साल पहले किया था ज्वॉइन
India First Twitter User: नैना रेढू को 2006 में TWTTR (ट्विटर प्रोजेक्ट का कोड नाम) से एक नए प्लेटफॉर्म में शामिल होने के लिए एक ईमेल मिला. वह अब तक करीब 1,75,000 ट्वीट कर चुकी हैं.
Naina Radhu On Twitter: टेस्ला के सीईओ और स्पेस एक्स फाउंडर एलन मस्क (Elon Musk) के कमान संभालते ही अब हर कोई ट्विटर (Twitter) में होने वाले बदलावों के बारे में बातें कर रहा है. ट्विटर में होने वाले बदलावों और एलन मस्क के लिए बड़े फैसलों के बारे में तो हर कोई जानता है. ट्विटर को लेकर हो रहे बदलावों के बीच इंडिया की पहली ट्विटर यूजर को लेकर भी चर्चा होने लगी है. हर कोई आज उस शख्स के बारे में जानना चाहता है, जिसने सबसे पहले अपना ट्विटर अकाउंट बनाया था. भारत की पहली ट्विटर यूजर का नाम नैना रेढू (Naina Redhu) है. आज नैना रेढू ट्विटर में हो रहे विकास और उसके बदलावों के बारे में क्या सोचती है, आइए आपको बताते हैं.
ट्विटर ब्लू टिक को पैसे चुकाने पर नैना रेढू बोलीं?
नैना रेडू एक एक्टिव ट्विटर यूजर हैं और उनकी प्रोफाइल पर ब्लू टिक भी है, जो इन दिनों चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है. क्योंकि मस्क ने कहा था कि अगर यूजर्स ब्लू टिक चाहते हैं तो उन्हें 8 डॉलर यानी करीब 650 रुपये मासिक चुकाने होंगे.
नैना रेढू ने ब्लू टिक के बदले भुगतान करने को लेकर कहा कि वर्तमान में, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि पैसे के लिए क्या शुल्क लिया जा रहा है. क्या ब्लू टिक का अर्थ वही रहेगा जो अभी है या क्या यह बदल जाएगा एक बार जब इस बारे में कुछ स्पष्टता हो जाएगी तभी वह कोई फैसला ले पाएंगी. यह एक निजी कंपनी है और उन्होंने उपयोगकर्ताओं को ब्लू टिक देना शुरू करने का कारण यह सत्यापित करना था कि यह एक सार्वजनिक व्यक्ति का वास्तविक खाता है. उन्होंने पिछले 16 सालों में इसके लिए भुगतान नहीं किया है, तो उन्हें अब क्यों करना चाहिए.
ब्लू टिक फैसले का भारत पर असर?
इस पर अपने विचार साझा करते हुए नैना रेढू ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसका कोई असर होगा क्योंकि सामान्य रूप से ब्लू टिक होना कोई जरूरी नहीं है. इसके अलावा, जिन लोगों को इसकी आवश्यकता है और जो खर्च कर सकते हैं वे बस इसे खरीद लेंगे और आम जनता भी प्रभावित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जो लोग स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता की तरह काम करते हैं और खर्च नहीं कर सकते, वे प्रभावित हो सकते हैं.
कौन हैं नैना रेढू
ऑर्कुट और ब्लॉगिंग के युग में जब ट्विटर आधिकारिक रूप से लॉन्च नहीं हुआ था, नैना रेढू को 2006 में TWTTR (ट्विटर प्रोजेक्ट का कोड नाम) से एक नए प्लेटफॉर्म में शामिल होने के लिए एक ईमेल मिला. वह इसमें शामिल हुईं और ट्वीटर के ऑफिशियल लॉन्च से पहले नैना रेढू पहली भारतीय ट्विटर यूजर बन गईं. नैना रेढू जैसलमेर के एक होटल में काम करती हैं और अब तक करीब 1,75,000 ट्वीट कर चुकी हैं.
ट्विटर पर एकमात्र भारतीय होने का अनुभव
नैरा रेढू ने बताया कि जब वह पहली बार ट्विटर से जुडीं थीं. उस समय भारत से कोई नहीं था और मैंने भी जो चैट देखी उनमें उनमें से ज्यादातर ट्विटर कर्मचारियों या उनके दोस्तों से थीं. वे एक-दूसरे को संदेश भेजते थे. वापस तब वह मुंबई में काम कर रही थीं और मुझे लगता था कि वह उनसे किस बारे में बात करें. यही कारण था कि शुरू में उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक ट्विटर का इस्तेमाल नहीं किया, क्योंकि उन्हें लगा कि यह सिर्फ एक और प्लेटफॉर्म है.
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