Fathima Beevi Died: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल फातिमा बीवी का गुरुवार (23 नवंबर) को 96 साल की उम्र में निधन हो गया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्र के हवाले से बताया कि न्यायमूर्ति बीवी को बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों के कारण कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज लगभग सवा 12 बजे उनका निधन हुआ. सूत्र ने कहा, ‘‘उनका शव पतनमतिट्टा में स्थित उनके आवास वापस लाया जा रहा है. पतनमतिट्टा जुमा मस्जिद में कल (24 नवंबर को) आखिरी रस्म पूरी की जाएगी
फातिमा बीवी के बारे में जानें
फातिमा बीवी का केरल के पतनमतिट्टा जिले में अप्रैल 1927 में जन्म हुआ था. उन्होंने ‘कैथोलिकेट हाई स्कूल’ से स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर तिरुवनंतपुरम स्थित ‘यूनिवर्सिटी कॉलेज’ से बीएससी की डिग्री हासिल की.
इसके बाद उन्होंने तिरुवनंतपुरम स्थित विधि महाविद्यालय से कानून की डिग्री ली और 1950 में वकील के रूप में पंजीकरण कराया. इसके बाद उन्हें 1958 में केरल अधीनस्थ न्यायिक सेवाओं में मुंसिफ के रूप में नियुक्त किया गया. उन्हें 1968 में अधीनस्थ न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और वह 1972 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बनीं.
बीवी 1974 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बनीं और 1980 में उन्हें आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया. उन्हें 1983 में केरल हाई कोर्ट में पदोन्नत किया गया और अगले ही साल वह वहां स्थायी जज बन गईं.
वह 1989 में सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनीं और 1992 में वहां से सेवानिवृत्त हुईं. बीवी ने रिटायर होने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य के रूप में कार्य किया. वह 1997 में तमिलनाडु की राज्यपाल बनीं.
किसने क्या कहा?
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बीवी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ने लड़कियों के सामने आने वाली शैक्षणिक चुनौतियों से पार पाने से लेकर विधि क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने के बाद सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश बनने तक की बीवी की यात्रा को याद किया.
उन्होंने कहा कि बीवी मुस्लिम समुदाय की पहली महिला थीं, जो उच्च न्यायपालिका का हिस्सा बनीं और उन्होंने सामाजिक स्थितियों के सभी प्रतिकूल पहलुओं को एक चुनौती मानकर उनका सामना किया.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने न्यायमूर्ति फातिमा बीवी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी.
जॉर्ज ने कहा, ‘‘वह एक बहादुर महिला थीं, जिनके नाम कई रिकॉर्ड हैं. वह ऐसी हस्ती थीं, जिन्होंने अपने जीवन से यह दिखाया कि दृढ़ इच्छा शक्ति और मकसद को लेकर समझ होने से किसी भी विपरीत परिस्थिति से पार पाया जा सकता है.’’
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