S Jaishankar on Medical Student: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 6 महीने से भी अधिक वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक ये जंग खत्म होती नजर नहीं आ रही है. यूक्रेन (Ukraine) से लौटे भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है. इस बीच देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि वो यूक्रेन सरकार के संपर्क में है. विदेश मंत्री जानकारी देते हुए बताया कि वहां की स्थिति को देखते हुए वे ऑनलाइन पाठ्यक्रम (Online Course) की पेशकश कर रहे हैं.


बता दें कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारतीय छात्रों को यूक्रेन छोड़कर भारत वापस आना पड़ा था. भारत सरकार की ओर से 'आपरेशन गंगा' शुरू किया गया था और भारतीय नागरिकों और मेडिकल छात्रों को सकुशल स्वदेश लाया गया था. 


यूक्रेन की सरकार से संपर्क में विदेश मंत्री


यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हम यूक्रेन सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं. हम देख रहे हैं कि क्या कुछ अन्य विकल्प खुल सकते हैं. उन्होंने ये कहा कि वो स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन कोर्स ऑफर कर रहे हैं. विदेश मंत्री ने आगे बताया कि इस गंभीर मसले को लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय विचार कर रहे हैं. 


लोकसभा समिति की क्या सिफारिश?


भारत में लोकसभा समिति ने सिफारिश की है कि यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को देश के कॉलेजों में समायोजित किया जाए, जिससे हजारों छात्रों को कुछ राहत मिल सके. 3 अगस्त को, विदेश मामलों की समिति ने 'भारतीय प्रवासियों का कल्याण नीतियां' पर अपनी 15वीं रिपोर्ट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से आग्रह किया था कि वह भारतीय प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों को उनके संस्थानों में नामांकन करने की अनुमति देने पर विचार करे.


विदेश मंत्री ने पहले क्या कहा था?


इससे पहले मई महीने वडोदरा में विदेश मंत्री एस जयंशकर (S Jaishankar) ने कहा था कि हम यूक्रेन (Ukraine) के आस-पास के देशों से बात कर भारतीय छात्रों की समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे है ताकि वे अपनी मेडिकल की पढ़ाई को जारी रख सकें. उस दौरान एस जयशंकर ने ये भी दावा किया था कि उन्होंने हंगरी से इस बारे में बात की थी और वहां की सरकार इसके लिए सहमत भी हुई थी. यूक्रेन से करीब 14 हजार मेडिकल छात्र (Medical Students) लौटे थे. ये छात्र भारतीय मेडिकल कालेजों में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं.


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