रूस और यूक्रेन युद्ध से उपजे खाद्य संकट के समाधान के लिए भारत आगे बढ़कर काम कर रहा है. रूस और यूक्रेन दुनिया में गेहूं के निर्यात के मामले में अग्रणी देश हैं लेकिन दोनों के बीच युद्ध ने वैसे देशों के सामने चुनौती पैदा कर दी है जो उनसे गेहूं खरीदते हैं. ऐसे में उन सभी देशों को भारत में संभावनाएं दिख रही हैं.


9 देशों में अपना दल भेजेगा एपीडा


अफ्रीकी देश मिश्र की ओर से भारत के गेहूं को अपने यहां आयात की मंजूरी दिए जाने के बाद अब भारत ने दूसरे देशों में भी गेहूं निर्यात करने की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है. इस सिलसिले में वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली संस्था, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ( APEDA ) जल्दी ही 9 देशों में अपना एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजने जा रहा है ताकि इन देशों में भारत की ओर से गेहूं निर्यात करने की संभावनाओं का पता लगाया जा सके. इन देशों में मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, टर्की, अल्जीरिया और लेबनान शामिल हैं.


रूस यूक्रेन युद्ध से उपजे वैश्विक संकट से पैदा हुई मांग की बीच भारत ने इस साल  ( 2022 - 23 के दौरान ) कुल 1 करोड़ टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य तय किया है. एपीडा के चेयरमैन एम अंगमुथु के मुताबिक़ अकेले मिश्र को 30 लाख टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल 2020-21 तक दुनिया भर में हो रहे गेहूं के व्यापार में भारत का हिस्सा बहुत कम रहा था. पिछले साल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हुए भारत ने 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था जिसकी क़ीमत क़रीब 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी. हालांकि इसमें से 50 फ़ीसदी गेहूं केवल बंगलादेश को निर्यात किया गया था.


पिछले साल निर्यात में बढोत्तरी दर्ज़


बांग्लादेश के अलावा संयुक्त अरब अमीरात , मलेशिया , श्रीलंका , क़तर और ओमान जैसे देशों से आई मांग के चलते पिछले साल निर्यात में बढोत्तरी दर्ज़ की गई थी. मिश्र दुनिया भर में गेहूं के सबसे बड़े खरीदार देशों में शामिल है और पिछले साल तक भारत उसे गेहूं का निर्यात नहीं करता था. उसकी वजह थी कि मिश्र अपना 80 फ़ीसदी गेहूं रूस और यूक्रेन से खरीदता रहा था. अब चूंकि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते मिश्र ने भारत से गेहूं खरीदने का फ़ैसला किया है लिहाज़ा इस बार भारत ने एक करोड़ टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य तय किया है.


आंकड़ों में देखें तो 2019 - 20 में भारत ने क़रीब 2 लाख टन जबकि 2020-21 में 21 लाख गेहूं का निर्यात किया था. लेकिन अब रूस यूक्रेन युद्ध ने जहां दुनिया के सामने चुनौतियां और संकट पेश किए हैं वहीं भारत के सामने अपना निर्यात बढाने का अवसर भी खोल दिया है. 


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