नई दिल्ली: दिलवालों के शहर दिल्ली की जब भी बात होती है तो सबसे पहले जो चित्र दिमाग में आता है वो है इंडिया गेट का. इस इंडिया गेट को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं लेकिन सवाल है कि आप देश की पहचान इस स्मारक के बारे में कितना जानते हैं ? बता दें कि आज इसको बने हुए 88 साल हो गए हैं. 12 फरवरी 1931 को इंडिया गेट बनकर तैयार हुआ था. ऐसे में आइए जानते हैं इंडिया गेट के इतिहास से जुड़ी हर एक बात को..
यह स्मारक नई दिल्ली में राजपथ मार्ग पर स्थित है, जो भारत की विरासत के रूप में जाना जाता है. इंडिया गेट एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ था. शुरूआत में इस स्मारक का नाम ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ रखा गया था.
क्यों बनया गया इंडिया गेट
प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में ब्रिटिस इण्डियन आर्मी के लगभग 90,000 सैनिकों ने शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को बचाने में अपनी जान गंवा दी थी. इन्हीं सैनिकों के सम्मान के लिए इंडिया गेट का निर्माण किया गया था. इंडिया गेट की दीवारों पर इन सैनिकों के लिखे हुए नामों को भी देखा जा सकता है. आजादी से पहले इंडिया गेट के सामने सिर्फ किंग जॉर्ज वी की ही प्रतिमा स्थापित थी, जिसे आजादी के बाद हटा दिया गया था.
किन पत्थरों का हुआ इस्तेमाल
इंडिया गेट का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से किया गया है. इसकी ऊंचाई की बात करें तो यह 42 मीटर है और इसे बनाने में 10 साल लगे थे.
अमर जवान ज्योति
इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति लगातार 1971 से जल रही है. अमर जवान ज्योति का निर्माण आजादी के बाद हुआ. 3 दिसम्बर 1971 से 16 दिसम्बर 1971 तक पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति संग्राम के समय भारतीय सेना का पाकिस्तान का साथ टकराव (1971 का इंडो-पाक युद्ध) हुआ था. स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माण में भारतीय सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें हजारो भारतीय सैनिको को अपनी जान गंवानी पड़ी. दिसम्बर 1971 में इंडो-पाक युद्ध के बाद इंदिरा गांधी ने अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट के नीचे बनवाने में आर्थिक सहायता की थी. इस स्मारक का निर्माण 1971 के इंडो-पाक युद्ध में मारे गए भारतीय सैनिको में याद में किया गया था.
पिकनिक के लिए भी है बेहतरीन जगह
अगर आप परिवार या दोस्तों के संग पिकनिक पर जाना चाहते हैं तो इंडिया गेट सबसे खूबसूरत पिकनिक स्थल है. इंडिया गेट पर गर्मियों की शामें बहुत मजेदार होती हैं. इंडिया गेट के पास ही बच्चों का पार्क है. इस पार्क में कई झूले हैं.