दीवाली से ठीक एक दिन पहले भारतीय सेना ने एलओसी पर पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कारवाई की है. शुक्रवार को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के युद्धविराम का उल्लंघन करने की कारवाई का कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तानी सेना के कई बंकर, चौकियों और एम्युनिशेन-डंप्स को तबाह कर दिया. भारतीय सेना की इस बड़ी कारवाई में पाकिस्तान की सीमा में बने आतंकियों के लॉन्च-पैड्स को भी तबाह कर दिया गया. पुख्ता जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के दो एसएसजी कमांडो सहित 6-7 सैनिक मारे गए और 10-12 घायल भी हुए. हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से हुए सीजफायर उल्लंघन में भारत के भी चार सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए और तीन सैनिक घायल भी हुए. देर शाम तक एलओसी के गुरेज सेक्टर से लेकर केरन, तंगधार, बारामूला और उरी सेक्टर तक दोनों देशों की सेनाओं में जबरदस्त गोलाबारी चल रही थी. इस गोलाबारी में दोनों तरफ के नागरिक भी हताहत हुए हैं.


जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को एलओसी के केरन सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश की गई थी. भारतीय सेना ने इस घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया जिससे आतंकी पाकिस्तानी सीमा में वापस लौट गए. लेकिन इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने आंतकियों की मदद करने के लिए युद्धविराम का उल्लंघन कर गोलाबारी शुरू कर दी. इस गोलाबारी में बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राकेश डोभाल के सर में एक गोली लगी और बाद में उन्होनें दम तोड़ दिया. पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार और दूसरे हथियारों से गोलाबारी की थी.


भारतीय सेना के मुताबिक, पाकिस्तान के सीज़फायर तोड़ने का कड़ा जवाब देते हुए सेना ने केरन सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की चौकियों और बंकर्स को निशाना बनाया. भारतीय सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) ने वीडियो जारी कर दिखाया कि किस तरह सेना ने पाकिस्तानी सेना की चौकियों, बंकर्स, फ्यूल-डिपो और एम्युनेशन-डंप (आयुद्ध भंडार) को निशाना बनाया. इस हमले (जवाबी कारवाई) में पाकिस्तानी सेना की चौकियां चीथड़ों की तरह उड़ गईं और धूंधूकर जल उठीं, उनमें धुएं का गुबार भर गया. जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाने के लिए मोर्टार, एटीजीएम (एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल) और फील्ड-गन्स (हल्की तोपों) की मदद ली.


हालांकि, भारतीय सेना ने इंकार किया कि पाकिस्तानी बैट-टीम यानि बॉर्डर एक्शन टीम जिसमें आतंकी और पाकिस्तानी सेना के एसएसजी कमांडोज़ होते हैं और भारतीय सीमा में भारतीय सैनिकों पर हमला करने के इरादे से चुपचाप घुसते हैं लेकिन जिस तरह से भारतीय सेना की कारवाई में एसएसजी कमांडोज़ मारे गए हैं उससे लगता है कि पाकिस्तान की तरफ से बैट-हमले की कोशिश की जा रही होगी. यही वजह है कि पाकिस्तानी सीमा में बने आतंकी लॉन्च-पैड्स को भी तबाह किया गया है.


भारतीय सेना को पाकिस्तानी सेना के रेडियो-मैसेज (वायरलैस) और दूसरी पुख्ता जानकारी से पता चला है कि इस जवाबी कारवाई में पाकिस्तान के कम से कम 6-7 सैनिक मारे गए हैं और 10-12 सैनिक घायल हुए हैं.


जानकारी के मुताबिक, देर शाम तक एलओसी के गुरेज सेक्टर के देवार, केरन, तंगधार, नीलम घाटी, लीपा-वैली, केल, शारदा, दूधिनाल, जुरा, बारामूला, हाजीपीर, उरी सेक्टर तक दोनों तरफ से जबरदस्त फायरिंग और गोलाबारी चल रही थी.


चिनार कोर के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के युद्धविराम उल्लंघन में भारत के तीन (03) सैनिक वीरगति (किलड इन एक्शन) को प्राप्त हुए और तीन सैनिक घायल हुए—बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राकेश डोभाल. देर शाम तक एक घायल हुए सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हो गए. इसके अलावे भारतीय नागरिकों के हताहत होने की खबर है.


भारतीय सेना के बयान के बाद पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर ने भी बयान जारी कर इस बात को कबूल किया कि कुपवाड़ा सेक्टर में भारतीय सैनिकों की आंतकियों से मुठभेड़ हुई थी जिसके बाद ही दोनों देशों की सेनाओं में फायरिंग हुई. आईएसपीआर के मुताबिक, भारतीय सेना की कारवाई में पाकिस्तान का एक सैनिक मारा गया और पांच सैनिक घायल हुए हैं (हालांकि आंकड़ा कहीं ज्यादा है). आईएसपीआर के मुताबिक, इस गोलाबारी में पाकिस्तान के चार नागरिक मारे गए हैं और 12 घायल हुए हैं. हालांकि सूत्रों की मानें तो ये नागरिक कोई और नहीं आतंकी हैं जो लॉन्च-पैड्स में मौजूद होंगे.


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