भारतीय नौसेना को अमेरिका से बुधवार को पहला नया लंबी दूरी के मैरिटाइम पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट पी-8आई मिला है, जिसे गोवा एयर स्टेशन लाया गया है. यह सेंसर्स और हथियार से लैस है ताकि समुद्र के अंदर पनडुब्बियों को निशाना बनाकर उसे तबाह कर सके. जबकि, अन्य तीन पी-8 आई एयरक्राफ्ट की डिलीवरी अगले साल तक हो पाएगी.
अमेरिका से जुलाई 2016 में चार पी-8आई के लिए 88 बिलियन डॉलर में डील हुई थी. इन चारों नए पी-8आई को पश्चिमी समुद्र तट पर नजर रखने के लिए गोवा में आईएनएस हंस पर तैनात किया जाना है.
इससे पहले, ऐसे ही 8 एयरक्राफ्ट को तमिलनाडु के अरक्कोनम स्थित आईएनएस राजाली में तैनात किया गया था. हालांकि, शुरुआत में इसका मकसद हिंद महासागर में पैनी नजर रखने का था, लेकिन भारत अब इसका इस्तेमाल चीन की तरफ से लद्दाख में किए जा रहे निर्माण और उसकी मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कर रहा है.
बोइंग की तरफ से बनाए गए पहले आठ पी-8आई, जिस पर हार्पून ब्लॉक-II मिसाइल, एके-54 हल्के टॉरपेडोस, रॉकेट्स लगाए गए हैं, उन्हें जनवरी 2009 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. इसके लिए 2.1 बिलियन डॉलर की डील की गई थी.
907 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार और 1200 किलोमीटर ऑपरेटिंग रेंज के साथ सामुद्रिक सर्विलांस और खुफिया मिशन के लिए पी-8आई बिल्कुल माकूल है. अमेरिका के साथ भारत 6 और 1.8 बिलियन डॉलर लागत के पी-8आई एयरक्राफ्ट की डील फाइनल करने जा रहा है.
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