New CDS of India: देश को मिला नया सीडीएस, जानिए क्या होते हैं उनके विशेषाधिकार और कितनी मिलती है सैलरी?
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का दूसरा सीडीएस बनाया गया है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आखिर उनके क्या विशेषाधिकार होते हैं और देश में इस पद की जरूरत क्यों पड़ी.
India Gets New CDS: देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की मौत के नौ महीने बाद सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Lt General Anil Chauhan) को देश का नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बना दिया. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान वर्तमान में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में मिलिट्री एडवाइजर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे.
आइये आपको बताते हैं कि आखिर देश के सीडीएस पद के क्या विशेषाधिकार होते हैं, इस पद की जरूरत क्यों पड़ी. हम ये भी बताएंगे कि देश के सीडीएस को क्या सुविधाएं और भत्ते मिलते हैं.
देश में क्यों पड़ी सीडीएस की जरूरत?
देश में पहली बार इस पद की जरूरत 1999 के कारगिल युद्ध के बाद पड़ी थी. के सुब्रमण्यम कमेटी ने 1999 में भारत सरकार को सिफारिश की थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक ऐसा पद होना चाहिए जो रक्षा मामलों में समय रहते अपेक्षाकृत सही और प्रभावी फैसले ले सके. इस कमेटी की सिफारिश की आधार पर 2001 कुछ मंत्रियों के समूह ने सीडीएस पद बनाने की आधिकारिक सिफारिश की थी.
इस सिफारिश के बावजूद कई प्रशासनिक और राजनीतिक वजहों के कारण ऐसा नहीं किया जा सका.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में सरकार के कई विभागों में अहम प्रशासनिक सुधारों को मंजूरी दी. इन सुधारों में एक पद सीडीएस का भी था. 15 अगस्त 2019 में लाल किले से पीएम मोदी ने इस पद के गठन की आधिकारिक घोषणा की 24 दिसंबर 2019 को कैबिनेट ने इस पद के लिए जरूरी मंजूरी दे दी और जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस बने.
क्या होते हैं विशेषाधिकार?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए रक्षा मंत्रालय के अधीन एक नया विभाग बनाया गया है. इस नवनिर्मित विभाग का नाम डिफेंस मिलिट्री डिपार्टमेंट (DMA) है और यह रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है. इस विभाग में कुल 160 विभिन्न रैंक के रक्षा अधिकारियों को अटैच किया गया है. ये जानकारी 03 फरवरी 2020 को संसद के सत्र के दौरान रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में डॉ टी सुब्बारामी रेड्डी को लिखित जवाब में दी थी. उनके विशेषाधिकार निम्नलिखित हैं.
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बाकी तीन (थल, वायु और जल सेना) जनरलों में से प्रथम यानी फर्स्ट अमंग इक्वल (First Among Equal) होगा. उनके पास जरूरत पड़ने पर अपनी अलग एक थिएटर कमांड बनाने का अधिकार होगा.
- उनके पास तीनों सेनाओं (थल, वायु और जल सेना) साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित सभी एजेंसियों को सीधे आदेश देने का अधिकार होगा.
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में रक्षा मंत्री और रक्षा योजना समिति की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद का सदस्य होगा.
- तीनों सेवाओं के बुनियादी ढांचे, उसकी तकनीक क्षमताओं और अन्य सभी तरह की ऑपरेशनल तैयारियों के बेहतर उपयोग के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.
- उनका मुख्य काम सभी रक्षा विभागों के लिए संयुक्त योजना और उनकी आवश्यकताओं के एकीकरण के माध्यम से तीनों सेवाओं के लिए खरीद, प्रशिक्षण और स्टाफिंग में संयुक्तता को बढ़ावा देना होगा.
कितनी होती है सैलरी?
सीडीएस (CDS) को दी जाने वाली सैलरी और भत्ते बाकी तीन सैन्य प्रमुखों को दी जाने वाली सैलरी, भत्ते और सुविधाओं के समान ही होती है. उनका प्रोटोकॉल भी बाकी प्रमुखों के बराबर ही है. गौरतलब है कि देश के सैन्य प्रमुखों को 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह तनख्वाह के साथ अन्य भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं.