नई दिल्लीः गृह राज्यमंत्री जी कृष्णन रेड्डी ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर भारतीय सेना का जो वीडियो शेयर किया है वो पिछले साल सितंबर महीने का है जब उत्तरी कमान ने लद्दाख से सटी चीन सीमा पर चांगथांग नाम का एक बड़ा युद्धभ्यास किया था. इस एक्सरसाइज से भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया था कि चीन सीमा पर अब सिर्फ इंफेंट्री सैनिक ही तैनान नहीं होते बल्कि टैंक, मैकेनाइजड फोर्सेज़, यूएवी और पैरा कमांडो भी तैनात रहते हैं.


गृह राज्यमंत्री ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "भारतीय सेना का यह प्रेरणादायक और लुभावना वीडियो है, जो लद्दाख के उत्तरी भाग में हमारी सीमाओं को सुरक्षित कर रहे हैं, जरूर देखना चाहिए."





दरअसल, सितबंर 2019 में भारतीय सेना ने ‘चांगथांग प्रहार’ नाम की एक एक्सरसाइज लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल (एलएसी) के बेहद करीब लद्दाख में की थी. उस युद्धभ्यास में भारतीय सेना ने अपने टैंक, बीएमपी (आईसीवी) यानि इंफेंट्री कॉम्ब व्हीकल्स और हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया था.


उस वक्त सेना की उत्तरी कमान ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया था. इस एक्सरसाइज के वीडियो को सार्वजनिक करके भारत ने बता दिया था कि चीन सीमा पर अब सिर्फ पैदल-सैनिक (इंफेंट्री) ही नहीं बल्कि मैकेनाइजड फोर्सेंज भी तैनात कर दी है. यानि दुनिया की सबसे उंचाई वाले इलाके में भारत ने टैंक और आईसीवी व्हीकल्स तैनात कर दिए हैं. साथ ही तोपें भी अब चीन सीमा पर आ गई हैं.



टैंक पर बैठे उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह (पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले) और करगिल-युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी की तस्वीरें बेहद वायरल हुई थीं. वाई के जोशी उस वक्त‌ लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर थे और रणबीर सिंह के रिटायर होने पर उत्तरी कमान (ध्रुव कमान) के कमांडर बने थे. लेह कोर (फायर एंड फ्यूरी) उधमपुर स्थित उत्तरी कोर के अंतर्गत काम करती है.


भारतीय सेना के पैरा-कमांडोज़ ने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से जंप कर 'बिहाइंड-द-एनेमी-लाइंस' में घुसकर हमला करने की प्रैक्टिस भी की थी. आपको यहां पर ये भी बता दें कि चांगथांग तिब्बत का एक पठारी इलाका है जिसका कुछ हिस्सा भारत के पूर्वी लद्दाख तक फैला हुआ है.


बिहाइंड-द-एनेमी लाइंस, दरअसल, स्पेशल फोर्सेज़ की एक युद्ध-शैली होती है जिसमें दुश्मन की सीमा पारकर दुश्मन के इलाके में घुसकर उसके सैन्य-मुख्यालय, छावनी और दूसरे सामरिक-ठिकाने तबाह करना होता है. ये एक तरह की सर्जिकल स्ट्राइक होती है जिसमें सीमा पर तैनात दुश्मन-सेना के सैनिकों को कानों-कान खबर नहीं लगती है कि उसके पीछे ही हमला कर दिया गया है. इस तरह के एक मिशन को भारतीय सेना ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छाछरो में की थी, जिसे छाछरो-ऑपरेशन के नाम से जाना जाता है. बिहाइंड-द-एनेमी-लाइंस की युद्ध-कला ब्रिटेन की एसएएस यूनिट ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शुरू की थी.


आपको बता दें कि रविवार को चीन के मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि चीनी सेना ने कुछ ही घंटों में हजारों सैनिक और आर्मर्ड गाड़ियों को हुबई प्रांत से भारत-चीन सीमा पर तैनात करने की तैयारी की है. हुबई प्रांत के वुहान से ही कोरोना वायरस निकला था जो आज पूरे विश्व में महामारी बन चुका है.


ग्लोबल टाइम्स और चीन के सीसीटीवी चैनल की रिपोर्ट्स को मानें तो चीन की पीएलए यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इस 'मैन्युवर-ऑपरेशन' के जरिए अपने सेंट्रल प्रांत, हुबई से हजारों की तादाद में सैनिकों को सिविल एयरक्राफ्ट, ट्रैन और बसों के जरिए भारत सीमा से सटे हाई-ऑल्टिट्यूड रिजन में भेजने की ड्रिल की.


आपको बता दें कि जबसे भारत के साथ सीमा पर तनाव शुरू हुआ है चीनी सेना का ये कोई पहला प्रोपेगेंडा-वीडियो नहीं है. इससे पहले भी चीनी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइज विबो पर अक्साई-चिन में चीनी सेना के हेवी-ट्रक और लाइट-टैंकों के काफिले का वीडियो जमकर वायरल किया गया था. कहा गया था कि ये सैन्य-काफिला भारत की सीमा की तरफ जा रहा है.


एबीपी न्यूज ने ही सबसे पहले ये खबर दी थी कि चीन ने लद्दाख से सटी अपनी सीमा में युद्धभ्यास के नाम पर एक बड़ी एक्सरसाइज की थी और फिर इन्ही सैनिक, टैंक और आईसीवी  व्हीक्लस को चीन ने बेहद तेजी से भारत के साथ हुए टकराव के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा के बेहद करीब तैनात कर दिया है.


साफ है चीन इस तरह के युद्धभ्यास की तस्वीरें साझा कर भारत पर साई-ऑप्स यानि साईक्लोजिकल-ऑपरेशन के जरिए दवाब डालने की कोशिश कर रहा है. चीन का मुखपत्र ऐसे समय में वीडियो शेयर कर रहा है जब दोनों देशों के सैन्य कमांडर्स ने शनिवार को तनाव खत्म करने के लिए एक अहम बैठक की थी. ये बैठक बेनतीजा जरूर रही थी लेकिन एक सकारात्मक माहौल में हुई थी.


शनिवार की बैठक को 'सकारात्मक' बताते हुए हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि हालिया तनाव डोकलम विवाद की तरह नहीं बढ़ेगा. साफ है चीन एक तरफ बातचीत के जरिए तनाव सुलझाना चाहता है वहीं दूसरी तरफ अपनी मांगों को मनवाने के लिए युद्धभ्यास की तस्वीरें और वीडियो जारी कर रहा है.


गृहमंत्री ने की तीनों सेना प्रमुखों और सीडीएस से मुलाकात
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस‌ स्टाफ (सीडीएस) से अपने दफ्तर में मुलाकात की. हालांकि, मीटिंग के बारे में आधिकारिक तौर से कुछ भी साफ साफ नहीं बताया गया लेकिन माना जा रहा है कि सीमा पर चीन से चल रहे तनाव से उपजी स्थिती की समीक्षा की गई.


भारत-चीन सीमा विवाद: दोनों देशों में सहमति बनी कि हालात को और बिगड़ने नहीं दिया जाए- बीजिंग