नई दिल्ली: जम्मू के नगौटा में बीते सप्ताह पाकिस्तान की आतंकी साजिश को नाकाम करने के बाद भारत ने अब इस मामले को लेकर कूटनीतिक नाकेबंदी की मुहिम भी तेज कर दी है. विदेश मंत्रालय ने दुनिया के अहम देशों के राजनयिकों के साथ पाक की काली करतूतों और नगरौटा में आतंकवादी हमले के प्लान को बेनकाब करते सबूतों के साथ जानकारियां साझा करने का सिलसिला शुरु किया है.


इस कड़ी में विदेश सचिव डॉ हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन समेत सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राजनियकों को आज पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर ब्रीफ किया. सोमवार शाम पी-5 मुल्कों के राजदूतों समेत कई वरिष्ठ राजनियकों के साथ करीब 40 मिनट तक चली इस बैठक में भारतीय विदेश सचिव ने न केवल उन्हें पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकी आंच भड़काने के लिए की जा रही कोशिशों पर जानकारी दी बल्कि पाक करतूतों का कच्चा-चिट्ठा खोलते सबूतों का डॉकेट भी सौंपा.


उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव ने विदेशी राजनयिकों को बताया कि किस तरह पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 19 नवंबर को जम्मू के नगरौटा में आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश की थी. आतंकियों से बरामद हथियारों और जानकारियों के साथ उन्हें इस साजिश में सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े तारों के सबूत भी दिए गए. इसमें सांबा में उजागर हुई सुरंग का भी जिक्र था जिसके जरिए आतंकी भारत में दाखिल हुए थे.


आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विदेशी राजदूतों को बताया गया कि किस तरह कोरोना संकट के दौरान भी पाकिस्तान भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने और जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की साजिशों को रच रहा है. इस कड़ी में 2020 के दौरान जहां 200 आतंकी हिंसा की घटनाएं हुई हैं वहीं 199 आतंकी मारे गए हैं. इसके अलावा नगरौटा हमले की साजिश में एक बार जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाक समर्थित आतंकी संगठन का षडयंत्र बेनकाब हुआ है जो फरवरी 2019 के पुलवामा हमले के बाद से ही एक बार फिर भारत पर वार का मौका तलाश रहा था.


बैठक में हुई चर्चा से वाकिफ राजनयिक सूत्रों के मुताबिक राजदूतों की तरफ से कई सवाल भी किए गए. जिसमें इस बात को लेकर जिज्ञासा थी कि भारत इस मामले को लेकर द्विपक्षीय तरीके से पाकिस्तान के साथ उठाएगा या संयुक्त राष्ट्र के मंच से इस पर अपना ऐतराज दर्ज कराएगा. इसके अलावा कई राजनयिकों ने इस पाक में मौजूद आतंकी संगठनों की जम्मू-कश्मीर के अलावा हमलों को अंजाम देने की क्षमताओं को लेकर भी सवाल किए. साथ ही उन्हें पाकिस्तान में समर्थन देने वाले तंत्र के बारे में भी जिज्ञासाएं जताई. सूत्रों के मुताबिक इस बारे में उठे सवालों पर विदेश सचिव की तरफ से माकूल जवाब दिए गए.


गौरतलब है कि पाकिस्तान की कूटनीतिक नाकेबंदे के लिए भारत ने दुनिया के सभी मित्र देशों को नगरौटा साजिश के सबूतों के साथ ब्रीफ करने की तैयारी की है. सूत्रों के मुताबिक सोमवार को हुई ब्रीफिंग इस कड़ी की शुरुआत है. कोविड19 संकट के बीच संख्या की सीमाओं के चलते अगले कुछ दिनों में विदेश मंत्रालय के सचिव स्तर अधिकारी औऱ अन्य वरिष्ठ राजनयिक अपने अपने डिविजन से संबंधित देशों के राजनयिकों को इस बारे में जानकारी देंगे.


महत्वपूर्ण है कि भारत जनवरी 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी बतौर अस्थाई सदस्य शामिल होने जा रहा है. ऐसे में भारत के कड़े तेवर और कूटनीतिक घेराबंदी की कवायद पाकिस्तान के लिए आंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुश्किलों की आंच बढ़ा सकती है.