देश में कोरोना के खिलाफ 9 वैक्सीन को अब तक मंजूरी मिली है लेकिन केवल चार वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, इन चार वैक्सीन में से तीन का प्रमुख तौर पर उपयोग हो रहा है तो वहीं एक को अभी लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है. देश भर में कोरोना की स्थिति पर नजर डालें तो अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों ने इस महामारी के चलते अपनी जान गवां दी है. वहीं, केंद्र सरकार ने दावा किया है कि पहले के मुकाबले कोरोना मामलों में कमी आयी है.
आइये जानते हैं किन चार वैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल
कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है. देश में सबसे पहले कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली थी. इस वैक्सीन के दो डोज लगते हैं. पहली डोज के बाद 84 दिन के बाद दूसरी डोज लगायी जाती है.
कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है. देश की ये दूसरी वैक्सीन है जिसके इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी. इस वैक्सीन के भी दो डोज लगते हैं. पहली डोज के बाद दूसरी डोज 28 दिनों बाद लगती है.
स्पूतनिक V- कोविशील्ड के बाद रूस की स्पूतनिक V को मंजूरी मिली थी और इसे तीसरी वैक्सीन के तौर पर देखा गया. इस वैक्सीन की भी दो डोज हैं. इस वैक्सीन का इस्तेमाल भी देश में काफी हद तक हुआ है.
जायडस कैडिला की जायकोव डी की वैक्सीन के तीन डोज हैं. जायकोव डी निडिल फ्री वैक्सीन है जिसे लगाने के लिए जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा. इस वैक्सीन को अभी केवल 18 साल से ऊपर वाले लोगों के लिए मंजूरी दी गई है. पहली डोज के 28 दिनों बाद दूसरी डोज तो वहीं 56 दिन बाद तीसरी डोज लगेगी.
इन 5 वैक्सीन का है इंतजार
अमेरिका की कंपनी द्वारा बनाई गई मॉडर्ना वैक्सीन को माइनस 25 डिग्री पर रखा जाता है. इस वैक्सीन की भी दो डोज होती हैं. पहली वैक्सीन के बाद दूसरी वैक्सीन 4 हफ्तों के बाद लगाई जाती है. भारत में अभी इस वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
अमेरिकी कंपनी की जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन सिंगल शॉट वैक्सीन है जिसे अभी भारत में केवल इमरेजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है. इस वैक्सीन की सप्लाई अभी शुरू नहीं हुई है.
भारत की पहली स्वदेशी रूप में विकसित कॉर्बोवैक्स वैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने बनाया है. इसके भी दो डोज हैं. इस वैक्सीन को पिछले साल अंत में मंजूरी मिल गई थी लेकिन अभी इसका इस्तेमाल अभी शुरू नहीं होगा.
कोवोवैक्स को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है. इस वैक्सीन को 20 दिसंबर 2021 को मंजूरी मिली था हालांकि अभी इसको लोगों के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है.
स्पूतनिक लाइट को डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरी ने बनाया है. ये हैदराबाद की कंपनी है जो सिंगल डोज के रूप में आती है. इस वैक्सीन को इस साल 6 फरवीर के दिन मंजूरी मिल गई थी लेकिन इसका इस्तेमाल अभी शुरू नहीं किया गया है.