Monkeypox in India: भारत में मंकीपॉक्स का एक भी केस नहीं, जानिए दो वेरिएंट वाले वायरस से कितना खतरा?
Monkeypox: बेशक अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सावधानी बरतने ने के निर्देश दे रहा है. विदेश से आने वालों पर खास निगरानी रखने का निर्णय लिया गया है.
Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) पूरी दुनिया में तेजी से अपने पैर पसार रहा है. दुनिया के बड़े-बड़े देशों में ये वायरस (Virus) अपना असर दिखाने लगा है और दूसरे अन्य देशों में भी घुस सकता है. इस मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि अगर किसी देश में एक संक्रमित व्यक्ति (Infected Person) मिलता है तो आउटब्रेक माना जाएगा. हालांकि अगर भारत की बात करें तो यहां मंकीपॉक्स (Monkeypox) का एक भी केस नहीं पाया गया है. भारत इसकी चीज को लेकर सतर्क है. यहां मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों को आइसोलेट करने के लिए बोल दिया गया है.
भारत में उन लोगों पर खासी निगरानी रखी जा रही है जो लोग मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों से यात्रा करके आए हैं. उन लोगों के अंदर उत्पन्न होने वाले असाधारण लक्षणों पर नजर रखी जा रही है. असाधारण लक्षणों में लिम्ड नोड में सूजन, तेज बुखार और शरीर में चकत्ते पड़ना समेत अन्य लक्षण भी शामिल हैं. जिन लोगों में इस तरह के लक्षण पाए जाएंगे उनकी जांच की जाएगी.
दो वेरिएंट वाला वायरस
वैज्ञानिकों के अनुसार इस वायरस के दो वेरिएंट हैं. एक मध्य अफ्रीका में पाया जाने वाला वेरिएंट दूसरा है पश्चिम अफ्रीका में पाया जाने वाला वेरिएंट. हालांकि इन दोनों वेरिएंट में बहुत मामली सा अंतर है. ये कोई नया वायरस नहीं है सबसे पहले ये वायरस बंदरों में पाया गया और धीरे-धीरे ये इंसानों में फैलने लगा. साल 1970 में ये पहली बार किसी इंसान में पाया गया तब इसकी पुष्टि हुई और मंकीपॉक्स वायरस नाम पड़ा. मंकीपॉक्स का वायरस स्मॉल पाक्स परिवार का ही है. इसके कुछ लक्षण इस वायरस से मिलते हैं. शुरूआत में ये एक फ्लू की तरह होता है बाद में इसके अन्य लक्षण नजर आते हैं.
भारत में इसका कितना खतरा
मंकीपॉक्स वायरस (MonekyPox Virus) के इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. उस दौरान इस वायरस (Virus) से उतना खतरा भी नहीं था. जब 1970 में इस तरह का पहला मामला सामने आया था तो अफ्रीकी देशों (African Countries) में इसका संक्रमण होता रहता था और इसका कोई घातक असर देखने को नहीं मिला. ये वायरस पहले छोटे-छोटे इलाको में ही फैलता था और इन्ही इलाकों में इसका असर देखने को मिला है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद से सर्विलांस सिस्टम (Surveillance System) और भी आधुनिक हो गए हैं. इससे किसी भी वायरस के संक्रमित होने का आसानी से पता चल जाता है, इसलिए भारत (India) में इस वायरस (Virus) को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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