नई दिल्ली: देश में हर दिन सवा लाख से ज्यादा कोरोना केस बढ़ रहे हैं. कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से चल रहा है. अप्रैल में एक दिन में वैक्सीन की डोज देने का आंकड़ा 36 लाख तक पहुंच गया है. इस बीच जानकारी मिली है कि भारत के पास वैक्सीन का स्टॉक सिर्फ 5.5 दिनों का बचा है. यानी कि लगभग एक हफ्ते के लिए ही राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई की जा सकती है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास वैक्सीन का टोटल स्टॉक करीब 19.6 मिलियन यानी कि 1 करोड़ 96 लाख डोज का बचा है. अगर हर दिन 36 लाख डोज दी जाए तो ये स्टॉक अगले 5.5 दिनों तक ही चल पाएगा. हालांकि, अच्छी बात ये है कि अगले एक हफ्ते तक वैक्सीन की नई खेप प्राप्त होने वाली है. लेकिन अगर वैक्सीनेशन की स्पीड को एक स्टोप भी आगे बढ़ाया गया को फिर कई राज्यों में वैक्सीन की किल्लत हो सकती है. अभी फिलहाल भारत में 45 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है.


कई राज्यों में टीकाकरण केंद्र बंद
देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी हो रही है. राज्य सरकारें लगातार केंद्र से वैक्सीन की मांग कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में कोविड वैक्सीन की कमी के चलते लगभग 60 प्रतिशत सरकारी टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है. वाराणसी में 66 सरकारी टीकाकरण केंद्रों में से केवल 25 पर ही कोविड टीकाकरण हो रहा है. वाराणसी के चौकाघाट स्थित जिला स्तरीय टीका वितरण केंद्र भी बंद कर दिया गया है. वहां के स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्यामजी प्रसाद ने कहा कि लखनऊ से वैक्सीन की आपूर्ति में भारी कमी आई है. चूंकि वाराणसी में टीकों की मांग बहुत ज्यादा है, लिहाजा यहां डोज कम पड़ रहे हैं.


वहीं मुंबई के 25 अस्पतालों में टीके की खुराक नहीं दी जा सकी है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने दावा किया है कि गुरुवार को टीके की कमी के कारण मुंबई के 25 निजी अस्पतालों में लोगों को टीके की खुराक नहीं दी जा सकी. शहर के नगर निगम ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि टीकाकरण के लिए मंजूर 71 केंद्रों में से 25 पर टीके की खुराक नहीं दी जा सकी क्योंकि इन निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके उपलब्ध नहीं थे.


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