नई दिल्ली: भारत को अभी तक तीन राफेल विमान फ्रांस की तरफ से मिल चुके हैं. लोकसभा में आज इस बात की जानकारी सरकार ने दी. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अभी तक तीन राफेल विमान भारत को हैंड ओवर किए जा चुके हैं. इनका इस्तेमाल फ्रांस में भारतीय वायुसेना के पायलटों और टेक्नीशियन्स को ट्रेनिंग देने में किया जा रहा है.


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खुद फ्रांस जाकर पहले राफेल विमान को रिसीव किया था. 8 अक्टूबर को राजनाथ सिंह ने फ्रांस के मेरीनेक एयरबेस में राफेल विमान को रिसीव किया था. इतना ही नहीं राफेल को रिसीव करने के बाद राजनाथ सिंह ने उसमें उड़ान भी भरी थी.


जाहिर है कि साल 2016 में 36 राफेल विमान का सौदा भारत और फ्रांस के बीच हुआ था. साल 2022 तक ये सभी राफेल विमान भारत को मिल जाएंगे. उम्मीद है कि मई 2020 तक राफेल को भारत के जंगी बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा. ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल माइका से भी लैस है. इसके साथ ही इसमें क्रूज मिसाइल भी लगे हुए हैं.


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राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद ही इसकी ताकत बढ़ जाएगी. ये दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए काफी है. दुश्मन के सीमा में घुसकर राफेल विमान वार कर सकता है. राफेल की गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर हथियारों में की जाती है. ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल माइका से भी लैस है.


बता दें कि राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका खारिज कर चुकी है. इस मामले में कोर्ट ने 14 नवंबर को पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा था कि रिव्यू का स्कोप सीमित होता है. कोर्ट ने कहा था कि उसे नहीं लगता है कि इस मामले में बेवजह जांच के आदेश देने की जरूरत है.


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