भगवान परशुराम-कर्ण के पास था जो अस्त्र, अब सेना को मिलेगा वही भार्गवास्त्र, हुआ सफल परीक्षण
Drone System Bhargvastra: 12 जनवरी को भार्गवास्त्र का पहला परीक्षण किया गया था. फिर 13 जनवरी को इसका दूसरा परीक्षण किया गया. इसके दूसरे परीक्षण का एक वीडियो भी सामने आया है.
India Tested Bhargvastra: भारत ने माइक्रो मिसाइल सिस्टम भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण किया है. इसे झुंड में आने वाले ड्रोन का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका नाम भी उस अस्त्र के नाम पर रखा गया है जो पौराणिक मान्यता के अनुसार सिर्फ भगवान परशुराम और कर्ण के पास था. इस सिस्टम को इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड ने विकसित किया है.
इस हफ्ते ओडिशा के गोपालपुर की समुद्री फायरिंग रेंज में दो सफल परीक्षण किए गए. पहला परीक्षण 12 जनवरी को 2,500 मीटर की दूरी और 400 मीटर की ऊंचाई पर हवा में स्थिर लक्ष्य के खिलाफ किया गया. फिर दूसरा परीक्षण 13 जनवरी को मूविंग इलेक्ट्रॉनिक टारगेट के खिलाफ किया गया. बयान में कहा गया कि बहुस्तरीय ड्रोन रोधी प्रणाली भार्गवास्त्र के लिए स्वदेशी रूप से सूक्ष्म मिसाइल डिजाइन और विकसित की है, जो किफायती लागत पर दुश्मन के यूएवी को मार गिराएगी.
जानें क्या है इसकी खासियत?
इकॉनोमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना के लिए विकसित किए जा रहे मल्टी लेयर सिस्टम को बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को टारगेट करने के लिए कम लागत वाले विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. ये 6 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से उड़कर आ रहे छोटे ड्रोन का पता लगा सकता है. उन्हें सूक्ष्म हथियारों के जरिए नीचे गिरा सकता है. अब ये इस साल होने वाले बड़े और अधिक विस्तृत परीक्षणों के लिए तैयार है. इसके बाद इसे सशस्त्र बलों में शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा.
#WATCH | Solar Group successfully test fires guided micro-missiles as part of the ‘Bhargavastra’ counter-drone system. The counter-drone system based on Micro Missile has been developed to tackle the growing threats from loitering munitions and weaponized drones: Solar Group… pic.twitter.com/lhbC77aKiq
— ANI (@ANI) January 15, 2025
खतरे वाले इलाकों में होगी तुरंत तैनाती
ये सिस्टम एक साथ 64 से ज्यादा माइक्रो मिसाइलें दागने में सक्षम है. इसे इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसे खतरे वाले इलाकों में तुरंत तैनाती के लिए एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लगाया जाएगा. इसके अलावा इसे सभी इलाकों में काम करने के लिए भी डिजाइन किया गया है, जिसमें बहुत ज्यादा ऊंचाई वाले इलाके भी शामिल हैं.
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