नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारतीय मुसलमानों के लिए ये देश स्वर्ग के जैसा है और उनके अधिकार इस देश में सुरक्षित हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना हमला करने से पहले धर्म, जाति, रंग, भाषा और सीमाएं नहीं देखता है. मुश्किल वक्त में हम सबको साथ मिलकर इस चुनौती से निपटने की जरूरत है.
क्या कहा मुख्तार अब्बास नकवी ने
नकवी ने कहा कि मुस्लिमों के लिए भारत स्वर्ग जैसा है और उनके अधिकार यहां पूरी तरह सुरक्षित हैं. इस्लामिक देशों के समूह द्वारा भारत में इस्लामोफोबिया की बात कहे जाने पर उन्होंने ये प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ साथ देश के सभी नागरिकों के संवैधानिक, सामाजिक, धार्मिक अधिकार भारत की गारंटी हैं. किसी भी स्थिति में 'अनेकता में एकता' की ताकत कमजोर नहीं हो सकती.
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मंत्री ने कहा कि कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं और हमें मिल कर ऐसी ताकतों को हराना है. फेक न्यूज़ और भड़काऊ अफवाहों से सावधान रहने की जरूरत है. इस तरह की बातों में आकर कोरोना के खिलाफ जंग को कमजोर नहीं होने देना है. पीएम मोदी के नेतृत्व में देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों से ही इबादत की जाए.
क्या कहा था OIC ने
OIC ने भारत में 'इस्लामोफोबिया' के कथित मामलों पर चिंता जताई थी. इस्लामिक देशों के समूह ने कहा था कि भारत अपने मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा के लिए फौरन कदम उठाए और देश में इस्लामोफोबिया के मामलों को रोके. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा था कि भारत सरकार जानबूझ कर मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही है.
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पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कहा कि लोगों की नाराजगी से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार जानबूझकर मुस्लिमों को निशाना बना रही है. इमरान ने मोदी सरकार की तुलना हिटलर के नाजीवाद से की. आपको बता दें कि OIC ने पाकिस्तान के तमाम विरोध के बाद भी पिछले साल बैठक में भारत को आमंत्रित किया था हालांकि हाल के दिनों में कश्मीर और सीएए को लेकर OIC ने भारत सरकार की आलोचना की है.
मिडिल ईस्ट में भारतीयों पर गाज गिरना शुरू
आपको बता दें कि मिडिल ईस्ट में लाखों की संख्या में भारतीय लोग रहते हैं. इनमें मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू भी शामिल हैं. मिडिल ईस्ट में काम कर रहे लोगों को अचानक नौकरी से निकाला जाने लगा है और उन्हें भारत लौटने पर मजबूर किया जा रहा है. दरअसल कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी भारतीयों को नौकरी से निकालने की अपील की है.
फेक न्यूज़ और सोशल मीडिया बो रहा है नफरत के बीज?
मुस्लिमों का आर्थिक बहिष्कार करने की अपील वाले मैसेज, फोटो, वीडियो हाल के दिनों में काफी वायरल हुए थे. कई मुस्लिमों में फल और सब्जी बेचने से रोके जाने के भी मामले सामने आए थे. ऐसी हरकतें करने वाले कुछ लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई भी की थी. सवाल ये है कि क्या फेक न्यूज़ और सोशल मीडिया देश ही नहीं बल्कि दुनिया में नफरत के बीज बो रहा है.