हैदराबाद की हेटेरो लैब्स को कोविड-19 की दवा फेविपिराविर बेचने की भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है. अब एंटी वायरल दवा से कोविड-19 के मरीजों का इलाज हो सकेगा. फेविपिराविर से पहले कंपनी कोविफॉर (Remdesivir) नाम की दवा को भी लांच कर चुकी है. उसके बाद हेटेरो लैब्स की ये दूसरी दवा है जिसे बनाने और बेचने की मंजूरी मिली है.


कोविड-19 के इलाज के लिए बाजार में दवा


भारत इस समय कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी से ग्रसित होनेवाला तीसरे नंबर पर मुल्क बन गया है. यहां 1.5 मिलियन लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. इस बीच कोविड-19 के इलाज के लिए फेविपिराविर दवा को बाजार में बेचने की इजाजत दे दी गई है. दवा कंपनी ने बयान में कहा, फेविपिराविर की कीमत 59 रुपये (79 सेंट) प्रति टैबलेट रखी गई है. इसका इस्तेमाल हल्के कोरोना लक्षण होने पर किया जा सकता है. आपको बता दें कि फेविपिराविर और एक अन्य एंटी-वायरल दवा रेमेडिसविर की भारत में कोविड-19 के इलाज में प्रमुखता से मांग सामने आई है. इन दवाओं को पहले ही इमरजेंसी में उपयोग में लाए जाने की अनुमति मिल गई थी.


कोविफॉर के बाद  फेविपिराविर की मिली मंजूरी


आपको बता दें कि जेनेरिक फार्मा कंपनी एंटी वायरल ड्रग्स की सबसे प्रमुख निर्माता कंपनी है. भारतीय नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने के बाद उसने दवा को लांच कर दिया है. कंपनी ने बयान में कहा, “एंटी वायरल दवा के क्लीनिकल नतीजे बहुत अच्छे साबित हुए थे. फेविविर से कोविड-19 के बड़ी संख्या में मरीजों को इलाज की पहुंच को बेहतर बनाएगी. इसका इस्तेमाल मामूली से मध्यम लक्षण वाले मरीजों पर किया जा सकेगा. दवा सभी खुदरा दवा दुकानों और मुल्क भर के अस्पतालों में पहुंचा दी गई है. डॉक्टरों के सुझाव पर दवा को बेचा जा सकेगा. हालांकि दूसरी अन्य कंपनियां भी फेविपिराविर का निर्माण और बिक्रय कर रही हैं. जिसमें ग्लैनमार्क, सिपला शामिल है.


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