Tech Support Fraud Busted: साइबर फ्रॉड कर रहे एक बड़े गैंग का पर्दाफाश, 3 देशों की एजेंसियों ने मिलकर चलाया ऑपरेशन
Tech Support Fraud Busted: दिल्ली, अमेरिका और कनाडा की एजेंसियों ने मिलकर इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भांडा फोड़ा है. इस मामले में अब तक तीनो देशों ने मिलकर 6 लोगो को गिरफ्तार किया है.
Tech Support Fraud Busted: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट, अमेरिका की FBI और कनाडा की कनेडियन लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी ने मिलकर एक इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. इस सिंडिकेट ने टेक सपोर्ट के नाम पर अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा विदेशी मूल के लोगो को अपनी जलसाजी का शिकार बनाया है और करीब 10 करोड़ रूपए धोखाधड़ी के जरिए कमाए है.
FBI ने दिल्ली पुलिस को सीबीआई के इंटरपोल विंग के जरिए संपर्क किया कि साइबर फ्राड का एक बड़ा सिंडिकेट दिल्ली और उसके आसपास के इलाके से ऑपरेट किया जा रहा है, जिनके निशाने पर सीनियर सिटीजन होते है. जिसके बाद एफबीआई ने दो पीड़ित की शिकायत स्पेशल सेल को फारवर्ड की. इस शिकायत के आधार पर स्पेशल सेल ने जांच शुरू की और बाकी दोनों एजेंसियों को जानकारी साझा की गई.
पूरे गैंग का एक साथ किया पर्दाफाश
स्पेशल सेल ने हर्षद मदान, जतिन लंबा और विकास को गिरफ्तार किया, जबकि कैनेडियन इंफोर्समेंट एजेंसी ने टोरंटो से जयंत भाटिया और FBI ने न्यू जेर्सी से कुलविंदर सिंह को एक ही दिन में गिरफ्तार किया. दिल्ली पुलिस और बाकी एजेंसियों ने जानकारी साझा कर इस तरह से ऑपरेशन को अंजाम दिया ताकि इस पूरे गैंग का एक साथ पर्दाफाश किया जा सके और किसी एक देश मे गिरफ्तारी के बाद दूसरे देश मे बैठे उनके बाकी साथी फरार न हो सके. पूछताछ के दौरान पता चला कि जतिन लंबा अपने भाई गगन के साथ मिलकर पीसी सपोर्ट और केअर के नाम से एक कंपनी चलाता था. वह जालसजी का पैसा इसी कंपनी के तहत ये टेक सपोर्ट के नाम पर कॉल सेंटर चलाता था.
20 हजार लोगो से 80 करोड़ रुपये की है ठगी
ये लोग विदेश में बैठे सीनियर सिटीजन को अपना निशाना बनाते थे. ये सबसे पहले उनके कंप्यूटर पर पॉप-अप्स भेजकर उन्हें इस नाम पर डराते थे कि उनके कंप्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट की समस्या आई होगी या फिर उनके साथ बड़ा धोखा होने वाला है. जिसके बाद पीड़ित इनके झांसे में फंस जाते और फिर ये उनके कंप्यूटर को अपने कब्जे में ले लेते और टेक सपोर्ट के नाम पर उनसे ठगी करते थे. कई बार इनलोगो ने एक पीड़ित को कई बार अपनी जालसजी का शिकार बनाया है. पुलिस के मुताबिक 2010 से 2020 के बीच मे गैंग ने करीब 20 हजार लोगो से 80 करोड़ रुपये की ठगी की है. इस मामले में अब तक तीनो देशों की एजेंसियों ने मिलकर 6 लोगो को गिरफ्तार किया है.
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