चीन से सीमा तनाव के बीच भारत ने अग्रिम मोर्चों पर बढ़ाई चौकसी, कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग भी शुरू
पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य क्षेत्रों में गत पांच मई से भारत और चीन दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है. इसे देखते हुए भारत ने अग्रिम मोर्चों और वायुसेना ठिकानों पर चौकसी बढ़ा दी है.
नई दिल्ली: भारत चीन सीमा तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया श्रीनगर और लेह का दौरा कर लौटे हैं. भारत ने अपने अग्रिम मोर्चों और वायुसेना ठिकानों पर भी तैनाती मजबूत की है. साथ ही कई इलाकों में CAP यानी कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग भी की जा रही है.
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के बाद चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को हाई अलर्ट कर दिया गया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. गलवान घाटी में सोमवार की रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं.
तीनों सेनाओं को किया गया अलर्ट हाल ही में हुई बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय लिया है.
एलएसी के पास सभी ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को भेजा गया
जानकारी के मुताबिक अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है.
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