महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट, सब्जियों की कीमतों में लगी आग, घर में किचन चलाना हुआ मुश्किल
देश में बढ़ती महंगाई जनता को रुला रही है तो राजनीति को चला भी रही है. क्योंकि महंगाई ने कांग्रेस को केंद्र में बैठी बीजेपी पर हमले का बड़ा मौका दिया है.
पेट्रोल-गैस की बढ़ती कीमतों के चलते सब्जियों के दाम में भी तेजी आई है. आम आदमी का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात ज्यादातर राज्यों में महंगाई से आम लोग त्रस्त है. लोगों के महीने का खर्च बढ़ गया है. महंगाई ने खास तौर से घर चलाने वाली महिलाओं को परेशान कर दिया है.
अहमदाबाद के साबरमती इलाके में रहने वाली पुष्पा वाघेला का कहना है कि पहले घर 10 हजार रुपये में चल जाता था. लेकिन अब ये खर्च 22 हजार रुपये पहुंच चुका है..
जोधपुर में हर सब्जी की कीमत दोगुनी
जोधपुर में तो हर सब्जी की कीमत दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है. यहां भिंडी 120 रुपये किलो बिक रही है. तो तोरी और लॉकी भी 80 रुपये किलो. शिमला मिर्च 150 रुपये किलो बिक रही है तो हरा धनिया 170 रुपये किलो और टमाटर 80 रुपये किलो हो गया है. जोधपुर में अपने दो बच्चों के साथ रहने वाली पूनम शेखावत ने बताया कि सब्जियां खाना और लाना तो जरूरी है. लेकिन जिस तरह से सब्जियों की कीमतें बढ़ी हैं उससे रसोई का बजट बिगड़ गया है.
पूनम शेखावत का कहना है कि पहले एक हफ्ते की सब्जी 400 से 500 रुपए में लेकर आते थे लेकिन अब वही सब्जी सप्ताह भर की 1200 से 1500 रुपये में आ रही है. उसमें भी कई बार हमें घरेलू सूखी सब्जियों को शामिल करना पड़ रहा है. आज बाजार में कोई भी सब्जी लेने हम जाते हैं तो 100 रुपये किलो से बाजार में कोई भी सब्जी सस्ती कीमत में उपलब्ध नहीं है.
महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर
महंगाई के मुद्दे पर समूचा विपक्ष बीजेपी के खिलाफ लामबंद दिख रहा है. सब बीजेपी पर वार कर रहे हैं. कांग्रेस तो रोजाना अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रही है. केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि इस सरकार के लिए चुनावी जीत का मतलब 'लोगों को लूटने का लाइसेंस' है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार उर्वरकों को महंगा कर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों से बदला ले रही है.
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