India Infrastructure Conclave: 2024 में रोड और हाईवे को लेकर सरकार का क्या है प्लान? नितिन गडकरी ने कर दिया खुलासा
ABP Infrastructure Conclave 2024: एबीपी लाइव इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2024 में नितिन गडकरी ने देश में हाइवे और एक्सप्रेसवे के चल रहे प्रोजेक्टों और ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर विस्तार से बात की.
ABP Live India Infrastructure Conclave 2024: एबीपी लाइव इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2024 का आगाज हो चुका है. बुधवार (28 अगस्त 2024) को कॉन्क्लेव के दूसरे सत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए. कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में पहुंचे नितिन गडकरी ने इस दौरान रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर ट्रांसपोर्ट सिस्टम तक पर बात की.
नितिन गडकरी से पहले इस कार्यक्रम में पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह भी शामिल हुए. उन्होंने एनएचएआई से जुड़े प्रोजेक्टों में आ रही अड़चन पर बात की. उन्होंने कहा कि हम एनएचएआई से जुड़े प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सीएम भगवंत मान ने इसके लिए बैठक भी की है. जल्द ही इसका समाधान होगा.
मेरा फोकस अपने एजेंडे पर रहता है - गडकरी
कार्यक्रम में नितिन गडकरी से जब पूछा गया कि सड़क पर काम को लेकर जो तारीफ होती है उससे प्रेशर तो नहीं बनता. इस पर उन्होंने कहा कि मेरे लिए कौन बोल रहा है और क्या बोल रहा है इसका असर नहीं पड़ता है. मुझे बस अपने एजेंडे पर काम करना होता है. जल्द से जल्द रोड बने और रोड की क्वॉलिटी अच्छी हो इस पर फोकस रहता है. नए-नए इनोवेशन हो, इस पर जोर रहता है. मैं इंजीनियर नहीं हूं लेकिन लोगों से बात करके कई नए सॉल्यूशन मिल जाते हैं.
दिसंबर तक शुरू होगा मुंबई-गोवा हाइवे
नितिन गडकरी से जब पूछा गया कि मुंबई से गोवा का जो हाइवे बन रहा है, उसमें कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. काफी लोग शिकायत कर रहे हैं, कहां दिक्कत आ रही है. इस पर उन्होंने कहा कि यह सही है कि इस प्रोजेक्ट पर दिक्कतें हैं. 85 प्रतिशत काम हुआ है, कई जगह कुछ इशू है, लेकिन मुझे विश्वास है कि दिसंबर तक इसका काम पूरा हो जाएगा.
अल्टरनेट फ्यूल पर है फोकस
अल्टरनेट फ्यूल वातावरण के लिए अच्छा है लेकिन टेक्नोलॉजी महंगी है. इसके इफिसिएंसी उतनी ज्यादा नहीं है. इसके लिए लोगों को कैसे तैयार करेंगे. इस पर नितिन गडकरी ने कहा कि दोनों ही बातें गलत हैं. अल्टरनेटिव फ्यूल में सोलर से जो फ्यूल मिलता है है वह काफी सस्ती है. इलेक्ट्रिक एनर्जी का विकल्प भी सस्ता है. इसका चार्ज 2 रुपये 80 पैसे यूनिट तक आ गया है. डीजल पर चलने वाली बस का प्रति किलोमीटर कॉस्ट 115 रुपये है, जबकि बिना एसी वाले इलेक्ट्रिक बस की लागत प्रति किमी पर 39 रुपये है, जबकि एसी बस की लागत 41 रुपये प्रति किमी आई. यह सब्सिडी के बाद था, लेकिन अब 61 रुपये प्रति किमी की कॉस्ट है.
नितिन गडकरी ने अपनी कार का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी कार इथेनॉल से चलती है. अगर आप पेट्रोल से इस कार की तुलना करेंगे तो 25 रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च पड़ता है, जबकि इथेनॉल से इससे भी कम पड़ता है. एक लीटर इथेनॉल पर 60 रुपये का खर्च आता है, जबकि पेट्रोल का रेट 120 से ऊपर है.
'किसानों के लिए भी बायो फ्यूल फायदेमंद'
नितिन गडकरी ने कहा कि इथेनॉल बांस, गन्ने के जूस, मक्के, पराली, टूटे हुए चावल और कई अन्य तरीकों से बनता है. मक्के का भाव पिछले साल 1200 रुपये प्रति क्विंटल था, इस बार मक्के का भाव 2600 से 2800 रुपये क्विंटल हो गया. अब लोग मक्का ज्यादा लगाएंगे. इससे चावल को लेकर जो बैलेंस खराब हुआ था वो ठीक हो जाएगा.
हाइड्रोजन फ्यूल को लेकर चल रही ये प्लानिंग
हाइड्रोजन फ्यूल के सवाल पर नितिन गडकरी ने बताया कि यह तीन प्रकार का बनता है, जो कोयले से बनता है वह ब्लैक हाइड्रोजन, जो पेट्रोल से बनता है वह ब्राउन हाइड्रोजन, जो बायोमास और गंदी पानी से बनता है वो ग्रीन हाइड्रोजन होता है. हाइड्रोजन फ्यूल पर लगातार काम हो रहा है, हालांकि यहां कुछ प्रॉब्लम आ रही है. हाइड्रोजन का फिलिंग स्टेशन कहां-कहां बनाना है उसे लेकर दिक्कत आ रही है. इसे लगाने का खर्च काफी महंगा है.
टोल को लेकर गडकरी ने कही ये बात
60 किलोमीटर पर दो टोल न होने के मुद्दे पर नितिन गडकरी ने कहा कि मैं अब भी मानता हूं कि यह गलत है, हमने इसे लेकर एक नियम बनाया भी था, लेकिन उसे बाद में सुधारा. दरअसल, हमने बीओटी के तहत एख कंपनी को 15 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दे दिया था पुराने नियम के तहत. अगर हम उसे अब रोकते हैं तो इसके बदले में हजारों करोड़ रुपये का हर्जाना देना पड़ेगा. इसलिए अभी ये दिक्कत आ रही है, लेकिन जल्द ही इसका समाधान होगा. इससे अलग नितिन गडकरी ने कहा कि हर मंत्रालय में और हर जगह फाइनेंशल ऑडिट की जगह परफॉर्मेंस ऑडिट पर फोकस करना चाहिए.