नई दिल्ली: देश आज गणतंत्र दिवस की 71वीं सालगिरह मना रहा है. इस मौके पर हर साल की तरह राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा. परेड में देश की सैन्य ताकत के साथ साथ अलग अलग राज्यों की लोक परंपरा का नजारा भी देखने को मिलेगा. इस बार गणतंत्र दिवस परेड में ब्राजील के राष्ट्रपति, जेयर मेसियास बोल्सोनारो मुख्य अतिथि हैं जो खुद राजनीति में आने से पहले ब्राजील-आर्मी में अफसर थे.



ब्राजील के राष्ट्रपति, जेयर मेसियास बोल्सोनारो

पहली बार राष्ट्रीय समर स्मारक शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे पीएम
सुबह ठीक 10 बजे परेड की शुरूआत हो जाएगी. लेकिन उससे पहले सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और तीनों सेनाओं के प्रमुख नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजिल अर्पित करेंगे.‌ इसके बाद प्रधानमंत्री सुबह 9.45 मिनट पर राजपथ पर पहुंचेंगे और देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मुख्य अतिथि का गणतंत्र दिवस समारोह में स्वागत करेंगे.


ये पहली बार है कि गणतंत्र दिवस समारोह में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय‌ समर स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. अभी तक इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति ही शहीदों को स्माधि-स्थल माना जाता था. लेकिन पिछले साल 25 फरवरी को खुद प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक को देश को समर्पित किया था. ऐसे में अब शहीदों का समाधि-स्थल नेशनल वॉर मेमोरियल हो गया है.


वायुसेना के फ्लाइपास्ट के साथ शुरू जाएगी परेड
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो एक साथ लेमोजिन कार में पहुंचंगे. इस कार को सेना की प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड्स रेजीमेंट के घुड़सवार एस्कॉर्ट करके लाएंगे. राजपथ लॉन में बने स्पेशल एनकलोजर के बाहर राष्ट्रपति झंडा फहराएंगे और राष्ट्र गान के बाद परेड शुरू हो जाएगी. सबसे पहले वायुसेना का फ्लाई पास्ट होगा जिसमें चार हेलीकॉप्टर तिरंगे और तीनों सेनाओं के झंडे फहराएंगे. उसके बाद थलसेना के एएलएच हेलीकॉप्टर राजपथ के ऊपर से निकलेंगे जिसके बाद राजपथ पर परेड शुरू हो जाएगी.


परेड की शुरूआत इस साल परेड के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री और सेकेंड इन कमांड, मेजर जनरल आलोक कक्कड़ से होगी. उसके बाद परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेता राजपथ पर पहुंचेंगे. सैन्य परेड की शुरूआत सेना की 61वीं कैवलरी के घुड़सवारों से होगी. उसके बाद सेना की अलग अलग रेजीमेंट की टुकड़ियां आएंगी.


चौथी पीढ़ी की आर्मी ऑफीसर तानिया शेरगिल हैं चर्चा का केंद्र
इस साल सेना की टुकड़ियों में सबसे खास है सिग्नल कोर का दस्ता, जो पहली बार राजपथ पर कदमताल करते दिखेगा और जिसका नेतृत्व कर रही हैं कैप्टन तानिया शेरगिल. कैप्टन शेरगिल इस परेड में हिस्सा लेने से पहले ही देशभर में चर्चा का विषय बन गई हैं. हालांकि पिछले कई सालों से महिलाएं गणतंत्र दिवस की परेड़ में हिस्सा ले रही हैं. लेकिन कैप्टन तानिया इस मायने में अहम हैं कि वे अपने परिवार की चौथी पीढ़ी की आर्मी ऑफिसर हैं. उनके पड़दादा सिख रेजीमेंट में थे, दादा आर्मर्ड (यानि टैंक) ऑफिसर थे और पिता आर्टलरी यानि तोपखाने में अधिकारी थे. तानिया के पिता ने सेना से रिटायरमेंट के बाद सीआरपीएफ में भी अपने सेवाएं दी थी.


परेड में और क्या क्या होगा खास?
इस बार परेड का आकर्षण है डीआरडीओ की एसैट मिसाइल यानी एंटी सैटेलाइट मिसाइल, चिनूक-अपाचे हेलीकॉप्टर्स, नौसेना और वायुसेना की झांकी, सीआरपीएफ की महिला डेयरडेविल्स टीम, एनडीआरएफ का राहत बचाव दस्ता और बीएसएफ का ऊंट-दस्ता. करीब 90 मिनट तक चलने वाली परेड की समाप्ति वायुसेना के फ्लाई-पास्ट से होगी.


फ्लाई पास्ट की शुरूआत रूद्र फॉरमेशन से होगी जिसमें स्वदेशी एएलएच (डव्लूएसआई) रूद्र हेलीकॉप्टर होंगे, जो विक (विक्टरी) बनाएंगे. फिक्सड विंग एयरक्राफ्ट की शुरूआत होगी तीन(03) डोरनियर एयरक्राफ्ट्स से. उसके बाद आएंगे तीन (03) सी130जे सुपरहरक्युलिस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट. इसके बाद होगा नेत्रा फोरमेशन जिसमें एक एवैक्स (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग कंट्रोल सिस्टम) टोही विमान होगा और उसके साथ होंगे दो सुखोई फाइटर जेट्स. इसके बाद तीन सी17 ग्लोबमास्टर हेवीलिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आएंगे.


लड़ाकू विमानों की शुरूआत जगुआर फाइटर जेट्स से होगी.पांच जगुआर आएंगे. इसके बाद पांच (05) अपग्रेडेड मिग29 फाइटर जेट्स आएंगे जिनका कॉलसाइन फलक्रम (FULCRUM) है. इसके बाद सुखोई फोरमेशन होगा जिसमें तीन सुखोई फाइटर जेट्स आएंगे, जो त्रिशूल बनाएंगे. आखिरी में एक अकेला सुखोई आएगा वर्टिकल मैन्युवर करेगा राजपथ के ऊपर. ये सभी सुखोई विमान सीधे जोधपुर एयरबेस से यहां पहुंचेंगे.