India Israel Relations: गुजरात में बोले विदेशी मंत्री जयशंकर- 'वो दिन गए जब राजनीति विदेशी नीति पर हावी होती थी'
Gujarat: गुजरात में अपनी नई किताब का विमोचन करते हुए एस जयशंकर ने भारत और इजरायल के संबंधों पर बात की. उन्होंने कहा कि वो समय चला गया है जब हम राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को अलग रखते थे.
S. Jaishankar On Israel: भारत और इजरायल (Israel) के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने अपनी बात रखी. गुजरात (Gujarat) के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अब वो दिन चले गए हैं जब वोट बैंक की राजनीति विदेश नीति पर हावी होती थी. उन्होंने कहा कि टेल अवीव के साथ नई दिल्ली के वर्तमान संबंध इस बात का सबूत हैं.
जयशंकर ने कहा, "कुछ राजनीतिक कारणों से, हमें इजरायल के साथ संबंध बढ़ाने से खुद को प्रतिबंधित करना पड़ा. पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे जो इजरायल गए थे. अब समय चला गया है जब हम वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को अलग रखते थे."
'नरेंद्र मोदी सरकार का विदेश मंत्री होना भी एक बड़ी ताकत है'
विदेश मंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह इस समय पद संभालने के लिए 'एक बड़ी ताकत' थी. उन्होंने कहा, "मैं उस व्यक्ति से ईर्ष्या करूंगा जो 2047 में विदेश मंत्री होगा, लेकिन मैं आपको एक बात बताऊंगा, नरेंद्र मोदी सरकार का विदेश मंत्री होना भी एक बड़ी ताकत है. मूल विश्वास, आत्मविश्वास और रवैया है."
'जनसंख्या में आ रही भारी गिरावट'
उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि के कारण भारत की जनसंख्या में गिरावट आ रही है. उन्होंने कहा, "भारतीय जनसंख्या की वृद्धि दर गिर रही है. इसका कारण शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि है. हम में से प्रत्येक के बीच परिवार का आकार, समय बीतने के साथ छोटा है."
बता दें कि अपनी आजादी के बाद से, भारत ने अपनी जनसांख्यिकीय संरचना में भारी बदलाव देखा है. यह जनसंख्या विस्फोट (जनगणना 1951) से गुजरा है और कुल प्रजनन दर में भी गिरावट देखी गई है. साथ ही, विभिन्न मृत्यु दर संकेतकों में सुधार हुआ है, लेकिन जीवन स्तर में सुधार, कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने और रोजगार पैदा करने के मामले में जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त करने में कुछ बाधाएं भी मौजूद हैं.
'जबरन जनसंख्या नियंत्रण लैंगिक असंतुलन पैदा कर सकता है'
यूएन वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूपीपी), 2022 का अनुमान है कि भारत 2023 तक 140 करोड़ आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. वर्तमान में भारत में विश्व की जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत है.
भारत के 2030 तक 150 करोड़ और 2050 तक 166 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. जयशंकर ने कहा, "जबरन जनसंख्या नियंत्रण के बहुत खतरनाक परिणाम हो सकते हैं, यह लैंगिक असंतुलन पैदा कर सकता है."
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