भारत-जापान के बीच साढ़े तीन साल बाद शिखर बैठक, एक दिन के दौरे पर आ रहे जापानी पीएम किशिदा
किशिदा की प्रधानमंत्री के रूप में भारत की पहली यात्रा है. साथ ही उनके नेतृत्व संभालने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली द्विपक्षीय शिखर बैठक भी है.
रूस-यूक्रेन संकट को लेकर अंतरराष्ट्रीय समीकरण में जारी उथल-पुथल के बीच एशिया में क्वाड के दो अहम साथियों, जापान और भारत के बीच अहम बातचीत होगी. अहम रणनीतिक मंथन और चर्चा के लिए जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फूमियो 19 मार्च की दोपहर भारत पहुंच रहे हैं.
किशिदा की प्रधानमंत्री के रूप में भारत की पहली यात्रा है. साथ ही उनके नेतृत्व संभालने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली द्विपक्षीय शिखर बैठक भी है. इतना ही नहीं भारत की उनकी यह यात्रा नए जापानी पीएम की किसी देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है. जापानी पीएम 19 मार्च की दोपहर भारत पहुंचेंगे और रविवार 20 मार्च की सुबह रवाना हो जाएंगे.
दोनों प्रधानमन्त्रियों के बीच शाम 5 बजे दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात होगी. बातचीत के बाद दोनों नेता जहां मीडिया कैमरों से रूबरू होंगे वहीं अनेक. अहम समझौतों पर भी दस्तखत क़ी तैयारी है.
भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच करीब साढ़े तीन साल बाद शिखर बैठक ही रही है. ध्यान रहे कि साल 2022 भारत और जापान के बीच राजनयिक रिश्तों की 70वीं सालगिरह का भी साल है. राजनयिक सूत्रों के मुताबिक मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थितियों के मद्देनजर भारत और जापान अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं.
हालांकि द्विपक्षीय सहयोग एजेंडा के अलावा जापानी पीएम की यात्रा को मौजूदा अंतरराष्ट्रीय संकटनक मद्देनज़र भी अहम माना जा रहा है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत की सहयोग चौकड़ी में से भारत ही ऐसा देश है जिसने यूक्रेन संकट पर रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान नहीं किया है. साथ ही भारत ने रूस के खिलाफ यूएन सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्तावों पर मतदान में भी हिस्सा नहीं लिया था.
भारत और जापान की साझेदारी आर्थिक लिहाज़ से भी अहम है. दोनों देश 2014 में पीएम मोदी की यात्रा के दौरान बने साझेदारी के रोडमैप पर आगे बढ़ रहे हैं. साल 2014 में तय किए गए 30 खरब येन से अधिक के जापानी निवेश का लक्ष्य पहले ही हासिल किया जा चुका है. जापान जहां भारत का सबसे बड़ा डेवलपमेंट फंड सहयोगी है वहीं विदेशी निवेश का 5वां सबसे बड़ा स्रोत भी है.
आंकड़े बताते हैं कि भारतीय स्टार्ट अप्स ने अभी तक जापानी वेंचर कैपिटलिस्ट से 10 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है. इतना ही नहीं भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों की विकास परियोजनाओं में भी जापान बड़े पैमाने पर निवेश और मदद मुहैया करा रहा है, इसमें मेघालय मिज़ोरम, असम, त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर भारत के सूबों में राजमार्ग परियोजनाएं पूरी करने में मदद दे रहा है.
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