नई दिल्लीः महामारी के बीच एक बड़ी प्रगति को चिह्न्ति करते हुए भारत इस साल के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई 2020) में चार स्थान के सुधार के साथ 48वें स्थान पर पहुंच गया है. विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ), कॉर्नेल विश्वविद्यालय और आईएनएसईएडी बिजनेस स्कूल द्वारा संकलित, सूचकांक ने 131 अर्थव्यवस्थाओं का आकलन किया है.


स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, ब्रिटेन और नीदरलैंड नवाचार रैंकिंग का नेतृत्व करते हैं. स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, ब्रिटेन और नीदरलैंड ने नवाचार रैंकिंग का नेतृत्व किया है. यानी यह देश नवाचार के मामले में शीर्ष स्थान बनाए हुए हैं. दक्षिण कोरिया पहली बार इस सूची में शीर्ष 10 में शामिल हुआ, जबकि सिंगापुर आठवें स्थान पर है. शीर्ष 10 में उच्च आय वाले देशों का दबदबा है.


नवाचार (इनोवेशन) सूचकांक वर्ष-दर-वर्ष की स्थिति को दशार्ता है. इस सूची में भारत के अलावा चीन, फिलीपींस और वियतनाम ने हाल के वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जो कि एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बेहतर बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मध्य और दक्षिणी एशियाई क्षेत्र में सर्वोच्च रैंक बरकरार रखी है. पिछले साल से चार रैंक के सुधार के साथ निम्न मध्यम आय वाले देशों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा इनोवेटिव अर्थव्यवस्था है.


भारत ने जीआईआई के सभी इंडिकेटरों में अपनी स्थिति में सुधार किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईसीटी सर्विसेज एक्सपोर्ट्स, गवर्नमेंट ऑनलाइन सर्विसेज, साइंस और इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट्स की संख्या और आरएंडडी इंटेंसिव ग्लोबल कंपनीज जैसे इंडिकेटरों में भारत शीर्ष 15 में है.


आईआईटी बॉम्बे और दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु जैसे संस्थानों और शीर्ष साइंटिफिक पब्लिकेशंस के दम पर भारत ने यह मुकाम हासिल किया है. इनोवेशन के मामले में पिछले कुछ वर्षों में भारत की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है, जोकि अच्छा संकेत है.


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