मुंबई में बन रहा है देश का सबसे बड़ा कोरोना अस्पताल, महज 15 दिनों में हो जाएगा तैयार
मुंबई में देश का सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल बन रहा है.जिस रफ्तार से ये अस्पताल तैयार हो रहा है वो किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है.
मुंबई: मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भारत का सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल लगभग बनकर तैयार है. इस अस्पताल में 1008 बेड होंगे और इसे बनाने में तकरीबन 20 करोड़ रुपये की लागत आई है. मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस अस्पताल का निर्माण किया है. मुंबई और आसपास के इलाके का विकास करने की इस अथॉरिटी की जिम्मेदारी है.
महाराष्ट्र अब भी कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है. महाराष्ट्र में भी राजधानी मुंबई पर इस वायरस की सबसे ज्यादा मार पड़ी है और मुंबई देश की कोरोना कैपिटल बन गई है. इस महामारी से निपटने के लिये महाराष्ट्र सरकार जो इंतजाम कर रही है. उनमें से एक है कोरोना के मरीजों के लिये एक विशेष अस्पताल का बनाया जाना. ये अस्थाई अस्पताल मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक खाली पड़े मैदान में बनाया जा रहा है. मुंबई के मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर आर.ए.राजीव ने एबीपी न्यूज को बताया कि अस्पताल में ऐसे कोरोना के मरीजों को रखा जायेगा जिनकी हालत ज्यादा गंभीर नहीं है.
अस्पताल में एक रिसेप्शन एरिया होगा जहां नये आने वाले मरीजों की जांच होगी. उनकी हालत की जांच करने पर उन्हें अलग अलग वार्ड में दाखिल किया जायेगा. 500 बेड उन मरीजों के लिये रहेंगे जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है और बाकी के बेड उनके लिये होंगे जिन्हें कि ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी. अस्पताल में मरीज का टेस्ट करने के लिये लैब का प्रबंध होगा. डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ के रहने और ठहरने का इंतजाम भी किया गया है. कई सारे चेंजिंग रूम बनाये गये हैं जहां ये सारे लोग पीपीई किट पहन सकते हैं. अस्पताल में खाने की सप्लाई के लिये पास ही के एक रेस्तरां का किचन लिया गया है.
जिस रफ्तार से ये अस्पताल तैयार हो रहा है वो भी किसी रिकॉर्ड से कम नहीं. कमिश्नर राजीव के मुताबिक सरकार से निर्देश मिलने के बाद 2 मई से युद्ध स्तर इस अस्पताल के निर्माण का काम शुरू हुआ है और इसे 15 या 16 मई तक पूरी तरह से तैयार करके सरकार को सौंप दिया जायेगा. कमिश्नर राजीव के मुताबिक इस अस्पताल को बनाने का निर्णय सरकार ने इसलिये लिया है क्योंकि कोरोना मरीजों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
ऐसे में अस्पतालों की क्षमता अगर कम होती है तो इस जैसे अस्पताल काम आयेंगे. फिलहाल पूरा अस्पताल सवा लाख वर्ग फुट के क्षेत्रफल में बनाया गया है. कमिश्नर राजीव के मुताबिक उन्होंने तैयारी कर रखी है कि जरूरत पड़ने पर इसी तरह का एक और अस्पताल बगल के मैदान में भी बनाया जाये.
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