नई दिल्‍ली: एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. हालांकि भारत ने भी अब उसको उसी की भाषा में जवाब देने का मन बना लिया है. गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. भारत ने पाकिस्‍तान के एक वरिष्‍ठ राजनयिक को बुलाया और इस मसले पर कड़ा बयान (डिमार्श) जारी किया.


विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तान को साफ कर दिया है कि जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान का हिस्‍सा भी आता है, वह भारत का आंतरिक भाग है. भारत ने साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि इस मसले पर भारत की स्थिति साल 1994 में संसद में पास हुए प्रस्‍ताव में नजर आई थी जिसे सर्वसम्‍मति से पास किया गया था. पाकिस्‍तान या फिर इसकी न्‍यायपालिका के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह इस पर गैर-कानूनी और जबरन कब्‍जा करे.





भारत ने पाक को चेताया है और साफ कहा कि इस तरह गैर-कानूनी कब्‍जे को छोड़ देना चाहिए और जम्‍मू कश्‍मीर में किसी तरह का बदलाव करने की कोशिशें नहीं करनी चाहिए.


क्या है मामला


पाकिस्तानी अदालत ने पिछले सप्ताह गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश 2018 में संशोधन करने की अनुमति दी थी और सितंबर में आम चुनाव कराने के साथ-साथ एक कार्यवाहक सरकार स्थापित करने के लिए अनुमति दी थी.