राजनयिकों को परेशान करने पर भारत ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
भारतीय दूतावास में तैनात सुरक्षा गार्ड से राजनयिकों के आवाजाही की जानकारी मांगी जा रही है. भारत ने इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को खत लिखकर न केवल सख्त ऐजराज जताया है बल्कि इन घटनाओं के जांच की भी मांग की है.
नई दिल्ली: भारत औऱ पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का असर सरहद के साथ-साथ इस्लामाबाद की सड़कों पर भी नजर आ रहा है. बीते एक हफ्ते में भारतीय उच्चायुक्त समेत वरिष्ठ राजनयिकों को परेशान किए जाने की एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं. भारत ने इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को खत लिखकर न केवल सख्त ऐजराज जताया है बल्कि इन घटनाओं के जांच की भी मांग की है.
घटनाएं राजनयिक संबंधों पर बनी वियना संधि का उल्लंघन
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने 13 मार्च को पाक विदेश मंत्रालय को हालिया घटनाओं को विस्तृत ब्यौरा देते हुए एक सख्त कूटनीतिक संदेश दिया है. भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से राजनयिकों और उनके परिजनों को परेशान करने वाली घटनाएं बंद करने को कहा है. साथ ही इस्लामाबाद को याद भी दिलाय है कि ऐसी घटनाएं राजनयिक संबंधों पर बनी वियना संधि का भी उल्लंघन है.
सूत्रों के मुताबिक, यूं तो पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को परेशान किए जाने का सलसिला काफी वक्त से चल रहा है. मगर बीते 10 दिनों के दौरान राजनयिकों का पीछा किए जाने, उन्हें और उनके करीबी लोगों को परेशान किए जाने की एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई है. सूत्रों बताते हैं कि भारतीय राजनयिक अजय बिसारिया जैसे वरिष्ठ राजनयिक का हर दिन दो लोगों द्वारा पीछा किया जाता है.
राजनयिकों को मिल रहे हैं धमकी भरे फोन
वहीं स्वास्थय कारणों से अस्पताल में भर्ती बिसारिया के सुरक्षा अधिकारी को घमकाए जाने की भी घटना हुई है. भारतीय दूतावास में तैनात सुरक्षा गार्ड से जहां राजनयिकों के आवाजाही की जानकारी मांगी जा रही है. इसके अलावा राजनयिकों के वाहनों का रफ्तार के साथ पीछा किए जाने और धमकी भरे फोन जैसी घटनाएं भी चिंता बढ़ा रही हैं.
हालांकि भारतीय राजनयिकों को परेशान किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. बीते कुछ महीने के दौरान इस तरह की गई घटनाएं सामने आई हैं. इससे पहले दिसंबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच भारतीय राजनयिकों के कामकाज में बाधा पहुंचाने कई घटनाएं हो चुकी हैं. इस मामले पर भारत पहले भी शिकायत दर्ज करा चुका है मगर इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. भारत ने इससे पहले 14 नवंबर औऱ 27 दिसंबर 2018 को भी शिकायत के साथ डिमार्श दे चुका है.
बीते सालभारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे पर लगाए थे आरोप
बीते साल फरवरी-मार्च में भी भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे पर अपने राजनायिक को परेशान करने के आरोप लगाए तब पाक ने इस बात की शिकायत की थी कि दिल्ली में उसके राजनयिकों का पीछा किया जा रहा है और बिना इजाजत उनकी फोटो खींचने और उन्हें धमकाने की घटनाएं हो रही हैं. जवाब में भारत ने भी इस्लामाबाद में आपने राजनयिकों के साथ बद्सलूकी की फेहरिस्त गिनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
इतना ही नहीं भारत इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग का स्तर घटाते हुए उसे नॉन-फैमिली स्टेशन की श्रेणी में डाल दिया था जिसके चलते राजनयिकों व स्टाफ को वहां अपने परिजनों को न रखने की सलाह दी गई थी. बाद में 30 मार्च 2018 को भारत व पकिस्तान ने परस्पर राजनयिक व्यवहार के 1992 सामझौते के अनुरूप बर्ताव करने और उसके अनुपालन का संकल्प जताते हुए बयान जारी किया था. यह बात और है कि दोनों देशों के रिश्तों में जारी तनाव के कारण जमीनी स्थित में ज्यादा बदलाव नहीं होगा.
यह भी पढ़ें-EXCLUSIVE: ABP न्यूज़ का कैमरा देखकर भागा PNB घोटाले का आरोपी नीरव मोदी, नहीं दिया किसी सवाल का जवाब
मुंबई 26/11 आतंकी हमले के 11 साल बाद चीन ने माना- 'ये सबसे कुख्यात हमला'
जेल जाने से बचे अनिल अंबानी, SC की डेडलाइन से 1 दिन पहले एरिक्सन को चुकाया 458.77 करोड़ का बकाया
जल्द हो सकती है नीरव मोदी की गिरफ्तारी, लंदन की कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
वीडियो देखें-