China On LAC: लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. रिपोर्ट का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा कि LAC के बारे में बहुत कुछ छिपाया जा रहा है. AIMIM नेता ने कहा कि यह किसी ऑपरेशनल जानकारी के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व को बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर इस मामले में संसद को अंधेरे में रखने का आरोप भी लगाया है.


ओवैसी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कारवां पत्रिका की एक रिपोर्ट शेयर की है जिसमें ये कहा गया है कि लद्दाख बॉर्डर पर भारत के हाथ से 26 पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स निकल चुके हैं. कारवां पत्रिका ने दावा किया है कि उसके पास लेह पुलिस अधीक्षक की ओर से पेश किए गए पेपर की कॉपी है जिसमें ये कहा गया है कि कराकोरक दर्रे से चुम्मूर के बीच 65 पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स में से 26 पर हमारी उपस्थिति नहीं है.


कॉन्फ्रेंस में पढ़ी गई रिपोर्ट
पत्रिका के मुताबिक यह पेपर केंद्री सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और केंद्रीय पुलिस संगठनों के महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 57वें वार्षिक सम्मेलन में पढ़ा गया. सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी शामिल हुए थे.


इसी रिपोर्ट को लेकर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "लेह में एक स्थानीय पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है, जो मैं 2020 से ही लद्दाख में भारत के नियंत्रण खोने के बारे में कह रहा हूं." उन्होंने सवाल किया "सरकार चुप क्यों हैं? 56 इंच वाले ने क्यों कहा कि हमारे इलाके में कोई नहीं घुसा?"


PM मोदी को घेरा
उन्होंने आगे लिखा- पिछले साल PP15 में डिसइंगेजमेंट में, हमने फिर से चारागाहों के अधिकार खो दिए, और सरकार चाहती है कि हम विश्वास करें कि यही समस्या का समाधान है? मोदीजी चीन के सामने कितना झुकेंगे.


ओवैसी ने ट्वीट में कहा, दिसंबर 2021 से, सेना नागरिक अधिकारियों को काराकोरम दर्रे तक स्वतंत्र रूप से जाने से रोक रही है, क्योंकि चीनी आपत्ति करेंगे. हमारा राजनीतिक नेतृत्व सीमा संकट के दौरान देश के रुख को कमजोर क्यों कर रहा है, ताकि सेना को भी ऐसे आदेश देने के लिए मजबूर होना पड़े?


संसद को अंधेर में रखा जा रहा
आगे कहा गया, यह स्पष्ट है कि लद्दाख में एलएसी पर स्थिति के बारे में सरकार बहुत कुछ छिपा रही है. यह किसी ऑपरेशनल जानकारी को छिपाने के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व को ढाल देने के लिए है. संसद को अंधेरे में रखा जा रहा है, और कोई आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग नहीं की जा रही है.


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