Rod Construction Near China Border: बात-बात पर गीदड़ भभकी देने वाले चीन की गर्दन अब भारत के हाथों में आने वाली है. इंडिया अब चाइना की नाक की नीचे सड़कों का जाल बिछाने जा रहा है. इसके लिए सरकार ने 16 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी भी दे दी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में 1748 किलोमीटर लंबे फ्रंटियर हाईवे में से 600 किलोमीटर से ज्यादा के निर्माण के लिए लगभग 16 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार के लिए काम कर रही मोदी सरकार का ये बड़ा फैसला माना जा रहा है. ग्रीनफील्ड हाईवे (एनएच-913) भारत-तिब्बत-चीन-म्यांमार की सीमा के करीब होगा और इन सीमाओं की मुश्किल से 20 किलोमीटर की दूरी हाईवे का निर्माण किया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार (12 मार्च) को कहा कि राजमार्ग विस्तार के विकास से सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.
नितिन गडकरी ने बताई हाईवे की खासियत
उन्होंने कहा, “इससे प्रवासन पर अंकुश लगाने और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर रिवर्स माइग्रेशन की सुविधा मिलने का अनुमान है. स्वीकृत विस्तार महत्वपूर्ण नदी घाटियों को जोड़ने वाले आवश्यक सड़क बुनियादी ढांचे की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे राज्य के भीतर कई जलविद्युत परियोजनाओं के विकास को सक्षम बनाया जा सकता है.”
नितिन गडकरी ने आगे कहा, “यह राजमार्ग सड़क ऊपरी अरुणाचल के निर्जन और कम आबादी वाले क्षेत्रों को जोड़ने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो इसे पर्यटन के लिए अनुकूल बनाती है.”
जुलाई-अगस्त तक शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
वहीं, टीओआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकारी हाईवे एजेंसियां जल्द ही स्वीकृत हिस्सों के लिए बोली लगाएंगी और इस साल जुलाई-अगस्त तक काम भी शुरू हो जाएगा.