नई दिल्लीः पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की संसद मजलिस में कहा कि राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद मानवता के लिए आज सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने वैश्विक नेताओं से आतंकवाद की समस्या से मिलकर लड़ने को कहा. मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव के रिश्ते इतिहास से भी पुराने हैं. उन्होंने कहा, ‘आज मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मालदीव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हर भारतीय आपके साथ है.’
मोदी ने कहा कि आतंकवाद न केवल देश के लिए बल्कि पूरी सभ्यता के लिए खतरा है. उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग आज भी अच्छे आतंकवादियों और बुरे आतंकवादियों के बीच अंतर करने की गलती कर रहे हैं. राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद आज दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा है.’
भारत ने पहले देश में आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था और उससे उसकी सरजमीं से पनप रहे आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद करने को कहा था. मोदी ने कहा, ‘पानी अब सिर से ऊपर जा रहा है. आतंकवाद और चरमपंथ से लड़ना दुनिया में नेतृत्व का सबसे सटीक परीक्षण है.’ मोदी दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को मालदीव पहुंचे थे.
मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने शनिवार को कई मुद्दों पर बातचीत की. दोनों देशों ने रक्षा और समुद्र समेत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए. मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को हिंद महासागर के द्वीपीय देश पहुंचे जो भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाता है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव द्वारा अपने सर्वोच्च सम्मान ‘‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’’ से सम्मानित किया गया है. ‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ मालदीव का सर्वोच्च सम्मान है जिसे विदेशी हस्तियों को दिया जाता है.
पहला समझौता ज्ञापन (एमओयू) जल विज्ञान संबंधी मामलों के क्षेत्र में सहयोग के लिए किया गया. दूसरा करार स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया गया. अन्य समझौते समुद्र मार्ग के जरिए यात्री और मालवाहक सेवाएं स्थापित करने, भारत के केंद्रीय परोक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और मालदीव सीमा शुल्क सेवा के बीच सहयोग पर किए गए.
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग और मालदीव के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर मालदीव प्रशासनिक सेवा आयोग के कार्यक्रम के बीच भी सहमति करार पर हस्ताक्षर किए गए.
भारतीय नौसेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के बीच भी सूचना साझा करने पर एक तकनीकी समझौता हुआ.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सोलिह ने गर्मजोशी से चर्चा की. दोनों नेताओं ने एक तटीय निगरानी रडार प्रणाली और मालदीव रक्षा बलों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि भारत, मालदीव में जिन विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है उनका ध्यान लोगों की जिंदगियों पर प्रभाव छोड़ने पर है. उन्होंने कहा कि भारत मालदीव के दक्षिणी हिस्से में एक मस्जिद के निर्माण पर राजी हो गया है जहां एक शहरी विकास केंद्र बनाया जाना है. उन्होंने बताया कि दोनों देश कोच्चि और मालदीव के बीच नौका सेवा शुरू करने पर भी सहमत हो गए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव में रुपे कार्ड शुरू करने से द्वीपीय देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. मोदी ने कहा, ‘‘मालदीव में रक्षा सेवाओं को मजबूत बनाने पर बातचीत हुई. भारत मालदीव के साथ मजबूत रिश्ता चाहता है और मानता है कि एक मजबूत और समृद्ध मालदीव क्षेत्र के हित में होगा.’’
उन्होंने कहा कि समुद्री और रक्षा संबंध शीर्ष प्राथमिकता है और रडार प्रणाली समुद्री सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि भारत हर संभव तरीके से मालदीव की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.