Indian Plan For LAC: भारत अरुणाचल प्रदेश पर एक बड़े पैमाने और बुनियादी ढांचे के साथ आगे बढ़ रहा है. अब केंद्र की तरफ से यहां सड़क और रेल लाइनों पर तेजी से काम कराया जाएगा, जो एलएसी के पास दूरस्थ स्थानों को जोड़ने के लिए एक बढ़ावा होगा. अरुणाचल प्रदेश को सड़कों के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने के लिए ये सबसे प्रमुख परियोजनाएं हैं. सेला सुंरग सड़क परियोजना भी इसमें शामिल है, जो तवांग को गुवाहाटी से जोड़ने के लिए बनाई गई है.


दरअसल, अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करने के लिए चीन समय-समय पर नाकाम कोशिश करता रहता है. इसी को देखते हुए अब भारत सरकार की तरफ से ये कदम उठाया गया है. इसी महीने की शुरुआत में चीन ने अरुणाचल से जुड़ी जगहों का नाम अपने नक्शे में बदला था. हालांकि, इसपर चीन को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने करारा जवाब दिया था और सिरे से खारिज कर दिया था. 


गेमचेंजर साबित होगी सेला सुरंग परियोजना


अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग परियोजना (Sela tunnel project) के लिए खुदाई का काम इस साल की शुरुआत में ही पूरा हो गया था. सेला टनल 13,000 फीट से ज्‍यादा की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे बड़ी डबल लेन सुरंग होगी. चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश (China-bordering Arunachal Pradesh) में यह सुरंग सैनिकों को तवांग सेक्‍टर के फॉरवर्ड एरियाज तक जल्‍द पहुंचने में गेमचेंजर साबित होगी. 


क्यों जरूरी है सेला सुरंग परियोजना


दरअसल, सेला पास अभी बॉर्डर पार से चीनियों को साफ दिखाई देता है. ऐसे में हाई डेफिनिशन रडार और दूरबीन की मदद से वह यहां भारी तोपखाने या पैदल सेना की आवाजाही को आसानी ट्रैक कर सकते हैं. परियोजना में मुख्य रूप से 1,555 मीटर लंबी टनल शामिल है, जो चीन को यातायात की आवाजाही की निगरानी करने से रोक सकेगी. 


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