नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि कई भारतीय कंपनियां अपने कोरोना वायरस के टीकों का उत्पादन बढ़ा रही हैं. साथ ही उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन सकता है, जिसके पास इस महामारी से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा.


मनसुख मंडाविया ने ‘‘देश में कोरोना वायरस महामारी का प्रबंधन, टीकाकरण का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां’’ विषय पर उच्च सदन में हुई अल्पकालिक चर्चा के जवाब में बताया कि कैडिला हेल्थकेयर लि. के डीएनए आधारित टीके का, तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है.


कैडिला बना रही है डीएनए आधारित टीका


 मनसुख मंडाविया ने बताया, ‘‘इसने आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी हासिल करने के वास्ते भारत के औषधि महानियंत्रक के समक्ष अंतरिम आंकड़े प्रस्तुत किए हैं. उन्होंने कहा कि अपेक्षित मानक पूरे होने पर जब यह टीका बाजार में आ जाएगा तब यह देश का पहला डीएनए आधारित टीका होगा और तब भारत भी ऐसा पहला देश होगा जिसके पास कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा.’’


मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारतीय कंपनियों को कोविड-19 रोधी टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया जा रहा है. इसके अलावा नाक से दिए जाने वाले टीके का भी परीक्षण चल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे देश के वैज्ञानिकों और कंपनियों पर पूरा भरोसा है."


बच्चों के लिए भी उपलब्ध होगा टीका


राज्यसभा में मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला ने बच्चों पर टीकों का परीक्षण शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि इसमें सफलता मिलेगी और बच्चों के लिए भी टीका उपलब्ध हो जाएगा.



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