कोराना महामारी के बड़े जोखिमों से उबर चुका है भारत, अब आर्थिक सुधारों पर फिर होगा जोर-वित्त मंत्रालय
दुनिया में अमेरिका के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत हुआ है. भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 66 लाख के पार चली गई है. यहां एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत इस बीमारी से हुई है.
वित्त मंत्रालय ने दावा किया है कि भारत कोरोना महामारी के बड़े जोखिमों से उबर चुका है. मंत्रालय की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने कोविड-19 के चरम को सितंबर के महीने में पार कर लिया है. इसके लिए 17 सितंबर से 30 सितंबर के डेटा को आधार बनाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार 14 दिन के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि देश में कोरोना का चरम समाप्त हो चुका है. इस अवधि के सात दिनों में संक्रमण के रोजाना आंकड़े 93 हजार से घटकर 83 हजार पर आ गए हैं, जबकि टेस्ट की संख्या 1.15 लाख से बढ़ाकर 1.24 लाख कर दी गई है.
दुनिया में अमेरिका के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत हुआ है. भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 66 लाख के पार चली गई है. यहां एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत इस बीमारी से हुई है. भारत में 30 जनवरी को कोरोना का पहला मामला दर्ज किया गया था. हालांकि वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महामारी खत्म होने में अभी समय हैं.
वित्त मंत्रालय की सितंबर की मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अखिल भारतीय स्तर पर पॉजिटिव मामलों की गिरावट दर आर्थिक सुधारों के मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. इसके लिए सभी हितधारकों को इस कार्य में शामिल होने की आवश्यकता है. 30 सितंबर को बिहार, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु ने 90 प्रतिशत से कोरोना रोगियों के ठीक होने की सूचना दी जबकि पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश गुजरात और राजस्थान में रिकवरी रेट 80 प्रतिशत से अधिक रहा.
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में केस की संख्या कम होने के साथ मृत्यु दर भी 1.6 प्रतिशत घट गई है. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, दिल्ली, असम, जम्मू और कश्मीर में जून से ही COVID-19 परीक्षण काफी बढ़ाया गया है.
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सितंबर के महीने में आर्थिक आंकड़े वृद्धि के सामान्य स्थिति की ओर आने के 'विश्वसनीय संकेत' संकेत दर्शा रहे हैं. सितंबर महीने का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स साढ़े आठ सालों के उच्चतम स्तर पर रहा और जीएसटी कलेक्शन भी चालू वित्त वर्ष में अब तक सबसे ज्यादा रहा है.
नए आंकड़ों के अनुसार, "अगस्त में पिछले साल के की तुलना में यात्री वाहनों की मांग में बढ़ोत्तरी देखी गई है. कोविड-19 के चलते लोग निजी वाहनों से यात्रा को तरजीह दे रहे हैं. सितंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 95480 करोड़ रहा जो सितंबर 2019 के मुकाबले 4 फीसदी ज्यादा है.