India-America Yudh Abhyas 2022: उत्तराखंड में नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब चल रहे भारत-अमेरिका के युद्धाभ्यास (Yudh Abhyas 2022) पर चीन के विरोध पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ''भारत किसके साथ मिलिट्री एक्सरसाइज करेगा यह उसका अपना मामला है. चीन अपने समझौते का खुद उल्लंघन करता है.''


बागची ने कहा कि हमारा अमेरिका के साथ संबंध है, जिसको लेकर कोई वीटो नहीं कर सकता. चीन ने बुधवार (30 नवंबर) को कहा था कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत-अमेरिका के जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज का विरोध करता है और यह नई दिल्ली और बीजिंग के बीच हस्ताक्षरित दो सीमा समझौतों की भावना का उल्लंघन है.


चीनी विदेश मंत्रालय क्या कहा?


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने बीजिंग में बुधवार (30 नवंबर) को मीडिया से बात करते हुए कहा, “चीन-भारत सीमा पर एलएसी के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है.'' इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि यह चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है.


क्या उद्देश्य है? 


एलएसी से लगभग 100 किमी दूर उत्तराखंड में भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ चल रहा है. इसका उद्देश्य शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाना और विशेषज्ञता साझा करना है. करीब दो हफ्ते चलने वाला यह युद्धाभ्यास हाल में शुरू हुआ है.


'यादगार है दिन'


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आज (गुरुवार) हमारी जी-20 अध्यक्षता पद का पहला दिन है. इसे मनाने के लिए कई गतिविधियों की योजना बनाई गई हैं, जिनमें से कुछ पहले ही हो चुकी हैं. हमारे पास एक विशेष विश्वविद्यालय कनेक्ट इवेंट था जो वस्तुतः देश भर के 75 विश्वविद्यालयों के छात्रों को एक साथ लाया. उन्होंने बताया कि यह एक यादगार दिन है. हमने आज औपचारिक रूप से G20 की अध्यक्षता ग्रहण की है. हमारी अध्यक्षता पद में हम जी-20 को सार्वजनिक रूप से लोगों के करीब ले जाएंगे और इसे सही मायनों में लोगों का G-20 बनाने की कोशिश करेंगे.  


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