India Meteorological Department: दिल्ली समेत उत्तर भारत में सर्दियां खत्म ही हो गई है, लेकिन इसी बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि भारत में ठंड पिछले एक दशक में कम और अधिक तीव्र हो गई है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में दिसंबर के महीने में कम शीतलहर और ठंडे दिन देखे गए. वहीं, जनवरी में कई जगह बहुत ज्यादा सर्दी देखी गई. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इसकी वजह क्लाइमेट क्राइसिस हो सकती है.


विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली और उत्तर भारत के इलाकों में पिछले कुछ सीजन से सर्दी देर से पड़ रही है. इसके साथ ही जनवरी में सामान्य से ज्यादा ठंड हो रही है. आईएमडी कैलेंडर के अनुसार, उत्तर भारत में सर्दियों की शुरुआत मिड नवंबर से फरवरी तक होती है, लेकिन पिछले कुछ सीजन से सर्दियों की शुरुआत देर से हो रही हैं.


ठंडे दिन में न्यूनतम तापमान 10°C से होता है कम 
भारतीय मौसम कार्यालय तापमान में तेज गिरावट को क्लासीफाइड करने के लिए दो कैटेगरी का उपयोग करता है. इसमें एक ठंडा दिन और दूसरा शीतलहर है. ठंडा दिन होने की पहली स्थिति वह है जब न्यूनतम तापमान 10°C से कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5°C कम हो.  


वहीं, दूसरा तब होता है जब या तो किसी क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस ('C) से नीचे गिर जाता है या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है. इसके अलावा शीतलहर दिवस का समय 24 घंटे का होता है. साथ ही मौसम विभाग ठंड के हिसाब से रेड, येलो, ऑरेंज, ग्रीन अलर्ट जारी करता है.


येलो अलर्ट में सचेत रहने के लिए कहा जाता है. ऑरेंज अलर्ट में इधर-उधर जाने से भी बचना चाहिए और अगर जाना जरूरी हो तो सावधानी बरतनी चाहिए. रेड अलर्ट तब जारी होता है जब मौसम ज्यादा बिगड़ जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है. ग्रीन अलर्ट में आप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं और सब ठीक होने का संकेत होते हैं.


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