India Meteorological Department: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार (25 जून) को कहा कि 21 जून 1961 के बाद पहली बार मानसून ने दिल्ली और मुंबई में एक साथ दस्तक दी है. यह 62 साल के बाद हो रहा है. आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि धीमी शुरुआत के बाद मानसून तेजी से आगे बढ़ा है और महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों और हरियाणा के कुछ हिस्सों में दस्तक दे चुका है.
आमतौर पर मानसून एक जून तक केरल, 11 जून तक मुंबई और 27 जून तक राजधानी दिल्ली तक पहुंच जाता है. हालांकि मानसून ने लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के एक बड़े हिस्से सहित उत्तर भारत के एक बड़े क्षेत्र में तय समय पर दस्तक दे दी है, लेकिन यह वर्तमान में मध्य भारत के एक बड़े हिस्से में अपने निर्धारित समय से 10-12 दिन पीछे है.
बिपरजॉय चक्रवात ने मानसून को प्रभावित किया
मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट डी. एस. पई ने बताया कि बिपरजॉय चक्रवात ने दक्षिण भारत और देश के पश्चिमी और मध्य भागों में मानसून की प्रगति को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, "मानसून रविवार तक पूरे महाराष्ट्र और गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में दस्तक दे सकता है."
मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल
मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, "मुंबई, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख सहित महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, चंडीगढ़, दिल्ली सहित हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों, गुजरात के कुछ हिस्सों, पूर्वी राजस्थान और पंजाब में अगले दो दिन के दौरान मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं."
मौसम विभाग के आंकड़े
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 30 जून, 2021 में 13 जुलाई, 2020 में 25 जून, 2019 में पांच जुलाई और 2018 में 28 जून को मानसून ने दिल्ली में दस्तक दे दी थी. यह मुंबई में पिछले साल 11 जून को, 2021 में नौ जून को, 2020 में 14 जून को और 2019 में 25 जून को आया था.
इस साल, मानसून अपनी सामान्य तारीख एक जून से एक हफ्ते बाद आठ जून को केरल पहुंचा था. यह केरल में पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था.
शोध से पता चलता है कि केरल में मानसून के आगमन में देरी का मतलब उत्तर पश्चिमी भारत में मानसून के आगमन में देरी नहीं है. साथ ही, इसका देशभर में होने वाली कुल बारिश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.