भारत में हर गुजरते दिन के साथ कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. चौथे दिन कोविड-19 के रिकॉर्ड मामले सामने आने की वजह से भारत कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दस देशों में शामिल हो गया है. अब देश में 1.38 लाख से अधिक मामले हो गए हैं, जो ईरान से अधिक है. ईरान अब 11वें नंबर पर चला गया है.
देश में बीते 24 घंटे में 154 से अधिक लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई और संक्रमण के 6,977 नए मामले सामने आए. इसके साथ देश में सोमवार को संक्रमण के कुल 1,38,845 मामले हो गए और मृतक संख्या 4,021 हो गई.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि मामलों में इतनी वृद्धि की वजह लॉकडाउन में ढील, प्रवासी कामगारों के राज्यों में लौटने के लिए रेल सेवाओं और सड़क परिवहन की आंशिक बहाली है. हालांकि कुछ का कहना है कि अधिक मामले सामने आने का कारण देश में जांच क्षमता बढ़ना है.
दो महीने की अवधि के बाद सोमवार को देश में घरेलू उड़ानें भी शुरू हो गई हैं. कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, स्पेन, इटली, ब्राजील, जर्मनी, तुर्की और फ्रांस के बाद दसवें स्थान पर भारत है.
चार दिन में सामने आए 25 हजार से ज्यादा मामले
देश में 22, 23, 24 और 25 मई को क्रमश: 6,088, 6,654, 6,767 और 6977 मामले सामने आए. इसके अलावा देश में कोविड-19 का पता लगाने के लिए सोमवार तक 30 लाख लोगों की आरटी-पीसीआर जांच की गई.
भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव ऐंड सोशल मेडिसिन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत एस पांडव ने रेल एवं सड़क परिवहन सेवाओं की आंशिक बहाली के बारे में कहा कि इन ढीलों से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा.
दूसरी ओर पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के. श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि के कारणों में जांच दर में बढ़ोतरी और संक्रमण तेजी से फैलना, दोनों ही है. जाने-माने सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने चेतावनी दी है कि अभी कोविड-19 के जो हालात हैं, उसे देखते हुए कहना होगा कि भारत अब यहां से बहुत ही अव्यवस्था के हालात की ओर बढ़ रहा है.
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