भारत बना रहा वो शील्ड जो चीन की तिरछी निगाह से करेगी हिफाजत! खर्च होंगे 31 हजार करोड़
India-Myanmar Border: भारत सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. मणिपुर में सीआरपीएफ की दो बटालियन को भी स्थायी तौर पर लगाया गया है.
India-Myanmar Border: मणिपुर में घुसपैठियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार काफी सख्त है. इसके तहत केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमार की 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए 31,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह बॉर्डर हथियारों, गोला-बारूद और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए कुख्यात है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (17 सितंबर 2024) को कहा कि सीमा पार से घुसपैठ रोकने के लिए 30 किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ लगाने का काम पूरा हो गया है.
इन राज्यों से गुजरती है भारत-म्यांमार सीमा
मणिपुर के मोरेह के पास लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में बाड़ लगाने का काम पहले ही पूरा हो चुका है और मणिपुर के अन्य क्षेत्रों में 21 किलोमीटर की सीमा पर बाड़ लगाने का काम जारी है. भारत-म्यांमार सीमा मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है.
केंद्र सरकार पहले ही भारत-म्यांमार मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) खत्म कर चुकी है. यह व्यवस्था सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति देती थी. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की नियमित समीक्षा कर रहे हैं और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
मणिपुर में अर्धसैनिक बलों की तैनाती
सरकार की ओर से यह फैसला मणिपुर में घुसपैठियों को रोकने के लिए लिया गया है. इसके अलावा मणिपुर में सीआरपीएफ की दो बटालियन को भी स्थायी तौर पर लगाया गया है, जबकि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 20 हजार जवानों की यहां तैनाती की गई है. सरकार के सूत्रों की मानें तो पड़ोसी मुल्क म्यांमार से घुसपैठिए, मणिपुर में प्रवेश कर रहे हैं
साल 2021 में तख्तापलट कर सत्ता हासिल करने वाले सैन्य प्रशासन के खिलाफ म्यांमार में कई विद्रोही संगठनों का प्रतिरोध भारत के रणनीतिक हितों पर भी असर डाल सकता है. साल 2021 में तख्तापलट कर सत्ता हासिल करने वाले सैन्य प्रशासन के खिलाफ म्यांमार में कई विद्रोही संगठनों का प्रतिरोध भारत के रणनीतिक हितों पर भी असर डाल सकता है. हाल ही में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी समेत चार स्थानों पर सैनिकों की वापसी हुई है.
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