विकास परियोजनाओं को लेकर भारतीय राजदूत और नेपाली विदेश सचिव के बीच वार्ता आज
इसी साल मई में नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया था. भारत इन इलाकों को अपना मानता है.
नई दिल्ली: भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी आज द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. नेपाल द्वारा मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी किये जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा होने के बाद यह पहली मुख्य वार्ता होगी. हालांकि इस बैठक में नक्शा विवाद पर कोई चर्चा नहीं होनी है. यह बैठक नेपाल में चल रही विकास परियोजनाओं की निगरानी के लिए है और कार्य समीक्षा के लिए है.
भारत-नेपास समय-समय पर करते हैं संवाद
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्वात्रा और बैरागी के बीच समीक्षा प्रक्रिया के तहत होने वाली यह वार्ता भारत और नेपाल के दरम्यान होने वाले नियमित संवाद का हिस्सा है. सूत्र ने बताया, 'दोनों देशों के बीच जारी द्विपक्षीय आर्थिक और विकासपरक परियोजनाओं की समीक्षा और समय-समय पर संवाद के लिये 2016 में समीक्षा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई थी.'
80 किलोमीटर लंबी सड़क को लेकर बिगड़े दोनों देशों के बीच रिश्ते
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था.
नक्शे में नेपाल ने भारत के कई क्षेत्रों को अपना बताया
नेपाल ने इसका विरोध करते हुए दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है. इसके कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है. भारत इन इलाकों को अपना मानता है. जून में नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी, जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था.
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