India light Weight tank Zorawar: भारत के हल्के वजन के टैंक 'ज़ोरावर' ने शुक्रवार, 13 सितंबर को राजस्थान के बीकानेर के पास महाजन फायरिंग रेंज में अपनी पहली फायरिंग सफलतापूर्वक की. इस 25 टन के टैंक को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है ताकि इसे पहाड़ी इलाकों में तेजी से तैनात किया जा सके और इसकी उच्च गतिशीलता सुनिश्चित की जा सके.


पहली फायरिंग में असाधारण प्रदर्शन


DRDO ने घोषणा की कि प्रारंभिक क्षेत्र परीक्षण के दौरान 'ज़ोरावर' ने रेगिस्तान में असाधारण प्रदर्शन किया. सभी तय लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया. टैंक के फायरिंग प्रदर्शन का कड़ाई से मूल्यांकन किया गया जिसमें इसने उच्च सटीकता के साथ टारगेट पर वार किया.


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बताया है. भारतीय सेना की 354 हल्के टैंकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए यह टैंक प्रोजेक्ट ज़ोरावर के तहत विकसित किया गया है. DRDO प्रमुख समीर वी कामत ने 6 जुलाई को गुजरात के हजीरा में L&T के संयंत्र में टैंक के पहले प्रारूप की समीक्षा की थी.


आने वाले परीक्षणों में मिसाइल फायरिंग भी शामिल


हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि टैंक की 105 मिमी गन ने परीक्षण में आसानी से फायर किया. अगले परीक्षणों में मिसाइल फायरिंग भी शामिल होगी. DRDO द्वारा जनवरी 2025 तक सभी परीक्षणों को पूरा करने की उम्मीद है, जिसके बाद इसे सेना के व्यापक उपयोगकर्ता परीक्षणों के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.


एक अन्य अधिकारी के अनुसार, सेना इसे उत्पादन में शामिल करने से पहले गर्मी, सर्दी और ऊंचाई पर इसके प्रदर्शन का आकलन करेगी. इन उपयोगकर्ता परीक्षणों में 12 से 18 महीने का समय लग सकता है.


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