भारत ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चीन के विदेश मंत्री के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत का अधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि हम उद्घाटन समारोह (इस्लामिक सहयोग संगठन के) में अपने भाषण के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत के लिए अनावश्यक संदर्भ को अस्वीकार करते हैं.


विदेश मंत्रालय ने कहा, "केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से जुड़ा मुद्दा पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है और चीन समेत अन्य देशों को इस पर बयान देकर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है."


पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन के उद्घाटन समारोह में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कश्मीर और फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा, "कश्मीर के मुद्दे पर हमने फिर से कई इस्लामिक दोस्तों की पुकार को सुना. चीन भी वैसी ही आकांक्षा रखता है.


 






पीएम इमरान खान ने उठाया कश्मीर का मुद्दा


इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की दो दिवसीय बैठक के दौरान मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा 57 सदस्यीय यह संगठन कश्मीर मुद्दे को लेकर कोई प्रभाव डालने में समर्थ नहीं रहा क्योंकि यह एक 'विभाजित सदन' है.


ओआईसी के विदेश मंत्रियों की 48वीं बैठक को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, "हम कश्मीर और फिलिस्तीन दोनों ही जगह के लोगों के लिए नाकाम साबित हुए हैं. हम एक विभाजित सदन हैं और वे (भारत और इजराइल) यह बात जानते हैं."


अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के भारत के कदम का जिक्र करते हुए खान ने कहा, "कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने (भारत) कोई दबाव महसूस नहीं किया." पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यह नहीं कह रहे कि मुस्लिम देश अपनी विदेश नीति में बदलाव करें, लेकिन जब तक "हमारा संयुक्त मोर्चा (प्रमुख मुद्दों पर) नहीं होगा, इस तरह की चीजें जारी रहेंगी."


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